नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपना 101वां मिशन ईओएस-09 लॉन्च होने के कुछ समय बाद नाकाम हो गया। यह मिशन शहरी नियोजन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा था। इसरो के मुताबिक अंतरिक्ष में इस उपग्रह को भेजने का मकसद वैज्ञानिकों को सटीक तस्वीरें हाई रिजाल्यूशन तस्वीरें मुहैया कराना था, जिससे आपदा प्रबंधन आसान होता। बता दें कि पीएसएलवी सी-61 रॉकेट का प्रक्षेपण 5.59 बजे हुआ था।
इसरो चीफ ने जारी किया बयान
अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष वी नारायणन ने कहा कि इसरो रविवार को पीएसएलवी-सी61 रॉकेट पर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह का प्रक्षेपण नहीं कर सका, क्योंकि इसके तीसरे चरण में कुछ तकनीकी खामी आ गई थी, जिसका अवलोकन किया जा रहा है।
इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने कहा कि आज हमने PSLV-C61 के प्रक्षेपण का प्रयास किया। इसमें 4 चरण होते हैं। पहले 2 चरणों में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन रहा। तीसरे चरण के दौरान हमने अवलोकन देखा… मिशन पूरा नहीं हो सका। हम संपूर्ण प्रदर्शन का अध्ययन कर रहे हैं, हम जल्द से जल्द वापस आएंगे।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाने के बाद भारत अपनी सरहदों की सुरक्षा और किसी भी नापाक हरकत की हिमाकत रोकने के लिए सतर्क है। इसके लिए इसरो ने रविवार को स्वदेशी ”जासूसी” उपग्रह लॉन्च किया था।
हर मौसम में हाई रिजाल्यूशन तस्वीरें खींचना था मकसद
इसरो का 101वां मिशन था
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार सुबह 5:59 बजे अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट ईओएस-09 को लांच किया। यह इसरो का 101वां मिशन था। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी-61 इस उपग्रह के साथ अंतरिक्ष के सफर पर रवाना हुआ।