उन्होंने बताया कि हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर कहा जाता है। इसके लक्षण भी दिखाई नहीं देते हैं। हालांकि ये दिल का दौरा, स्ट्रोक और किडनी फेल जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। उन्होंने उन गलतफहमियाें को भी दूर किया जो लोगों को इस गंभीर बीमारी को हल्के में लेने के लिए मजबूर करती हैं। डॉक्टर ने कहा कि जब हमें सही जानकारी होती है तो हम खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
हाई बीपी होगा तो पता चल जाएगा
सिर्फ बुजुर्गों में ही होती हाई बीपी की समस्या
ये कहना गलत होगा कि सिर्फ बुजुर्गों में ही हाई बीपी की समस्या देखी जाती है। आजकल के युवा भी हाई बीपी की समस्या से जूझ रहे हैं। तनाव, वजन का बढ़ना और वर्कआउट में कमी इसका मुख्य कारण है। इसके लिए युवाओं को लगातार चेकअप कराते रहना चाहिए।
मैं ठीक हूं, मुझे दवा की जरूरत नहीं
डॉक्टर ने बताया कि अगर आप अच्छा फील कर रहे हैं, इसके बावजूद आपको दवाई लेनी पड़ेगी। अगर आपने बिना किसी डॉक्टर से सलाह किए दवा लेना बंद किया तो ये जानलेवा हो सकती है।
होम रेमिडीज से हाई बीपी को कंट्रोल कर सकते
एक्सरसाइज करना और हेल्दी डाइट लेना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन कई मामलों में आपकारे दवाई की जरूरत पड़ती है। आपका डॉक्टर ही जानता है कि आपके लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं।
अगर एक नंबर नॉर्मल है तो ठीक है
ब्लड प्रेशर के दोनों नंबर ऊपर (सिस्टोलिक) और नीचे (डायस्टोलिक) दोनों जरूरी होते हैं। किसी एक का भी हाई होना खतरे का संकेत होता है।
मेरे परिवार में किसी को हाई बीपी है तो मुझे भी होगा
अगर आपके परिवार में हाई बीपी का इतिहास रहा है तो इसका रिस्क बढ़ जाता है। हालांकि आप अपने लाइफस्टाइल में बदलाव कर इसे कंट्रोल कर सकते हैं। हेल्दी डाइट लें। वॉक करना शुरू कर दें और तनाव न लें।
बीपी नॉर्मल हाेने पर बार-बार चेक करने की जरूरत नहीं
डॉक्टर ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या समय के साथ बदल सकती है। इसके लिए लगातार जांच कराना बहुत जरूरी होता है। इससे समय रहते बीमारी को पकड़ा जा सकता है।