भोईर के अनुसार, इन दोनों देशों के कई पर्यटन स्थल मध्यमवर्गीय भारतीयों के लिए सस्ते पड़ते हैं, इसलिए पिछले कुछ वर्षों में इन देशों की ओर जाने का चलन बढ़ा था। मुंबई के ही ईशा टूर्स के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक आत्माराम परब तुर्किये में कुछ वर्ष पहले आए भूकंप के बाद तक भारतीयों के वहां का टूर कराते आए हैं।

तुर्किये में भारतविरोधी भावनाएं कूट-कूट कर भरी

उन्होंने कहा कि उस भूकंप में भारत द्वारा भरपूर मदद करने के बावजूद वहां के लोगों में भारतविरोधी भावनाएं कूट-कूट कर भरी है। तुर्किये एवं अजरबैजान के लोग पाकिस्तान के साथ अपना ब्रदरहुड (भाईचारे) का रिश्ता जोड़कर भारत से नफरत करते हैं।

अब हाल की घटनाओं के बाद से तो लोग खुद ही वहां जाने से कतराने लगे हैं। परब पिछले डेढ़ दशक से लोगों को पूर्वोत्तर भारत की यात्राएं करवा रहे हैं। यह संख्या लगातार बढ़ भी रही है। लेकिन पूर्वोत्तर की तरफ जानेवाली महंगी उड़ाने एवं होटल की दरें मध्यमवर्गीय लोगों के पर्यटन में अड़चन पैदा करती हैं।

बुकिंग को रद करने की दर 250 प्रतिशत रही

टूर एंड ट्रैवेल कंपनी मेक माई ट्रिप के प्रवक्ता का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में तुर्किये एवं अजरबैजान की बु¨कग में 60 प्रतिशत की कमी आई है और पहले से हुई बुकिंग को रद करने की दर 250 प्रतिशत रही है। टूर कंपनी ईज माई ट्रिप के सहसंस्थापक प्रशांत पित्ती भी पर्यटकों से तुर्किये एवं अजरबैजान का बायकाट कर ग्रीस, अर्मेनिया जैसे दूसरे देशों में जाने को प्रेरित कर रहे हैं।

आतंकी समर्थक राष्ट्र बन गया है तुर्किये: निरुपम

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन की घटक शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने तुर्किये को आतंकी समर्थक राष्ट्र बताते हुए कहा कि भारत के नौ विमानतलों पर सेवाएं दे रही तुर्की कंपनी से समझौता रद किए जाने का स्वागत किया है।

संजय निरुपम ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से भारत और तुर्किये के रिश्ते पर्यटन के जरिए सुधर रहे थे। लेकिन हाल की घटनाओं के बाद तुर्किये के रुख से साफ हो गया है कि वह एक इस्लामिक राष्ट्र की तरह व्यवहार कर रहा है।

सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य- निरुपम

तुर्किये ने जिस तरह आतंकवाद का समर्थन किया है, उससे लगता है कि वह अब एक आतंक समर्थक राष्ट्र बनकर रह गया है। भारत सरकार ने देश के नौ विमानतलों पर सेवाएं दे रही तुर्किये की कंपनी सेलेबी एनएएस का ठेका रद कर दिया है। सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है।

आयात-निर्यात भी बंद होना चाहिए

निरुपम ने कहा कि भारत हर साल तुर्किये से 60 हजार करोड़ का आयात एवं 20 हजार करोड़ का निर्यात करता है। अब यह आयात-निर्यात भी बंद होना चाहिए।