बच्चों को चाकलेट आदि वितरित की गई। शिक्षकों ने छुट्टियों को उपयोगी बनाने के सुझाव भी बच्चों को दिए। कुछ स्कूलों ने बच्चों के लिए ग्रीष्मकालीन गृहकार्य को रचनात्मक बनाते हुए उन्हें प्रकृति पर डायरी लिखने, घर पर पौधा लगाने, बुजुर्गों का साक्षात्कार लेने और परिवार के साथ मिलकर एक छोटा प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य बच्चों की रचनात्मकता और पारिवारिक संवाद को बढ़ावा देने की है।

धार्मिक यात्राओं की बन रही योजना

ग्रीष्मकालीन अवकाश से आशय आराम, मस्ती और परिवार के साथ समय बिताने से होता है। बच्चे जहां गर्मी की छुट्टियों को लेकर उत्साहित हैं। वहीं कई परिवार तीर्थ यात्रा और पर्यटन स्थलों पर जाने की योजना बना रहे हैं। कश्मीर को छोड़कर मसूरी, नैनीताल, मनाली, शिमला जैसे हिल स्टेशन इस बार उनकी पहली पसंद हैं। वहीं तमाम लोग तीर्थ व धार्मिक स्थलों जैसे केदारनाथ, तुंगनाथ, पंच केदार, वैष्णो देवी, हरिद्वार, प्रयागराज आदि की यात्रा पर जाने का मन बना रहे हैं।

समर कैंप में लिया प्रवेश, सीख रहे नई विधा

वहीं कई परिवारों ने बच्चों को इन ग्रीष्मकालीन अवकाश में नई विधा सिखाने की तैयारी के लिए उन्हें समर कैंप भेजना प्रारंभ कर दिया है, जहां वह तैराकी, डांस, संगीत, ताइक्वांडो, खेल व कला जैसी गतिविधियों के माध्यम से नई विधा सीख रहे हैं। सबसे अधिक जोर शूटिंग, तैराकी, नृत्य, संगीत, वैदिक गणित, अबेकस, ताइक्वांडो, बैडमिंटन आदि सीखने पर दिया जा रहा है।

परिषदीय विद्यालयों में 20 से होंगे अवकाश

वहीं जिले के परिषदीय विद्यालयों में इस वर्ष ग्रीष्मकालीन अवकाश 20 मई से प्रारंभ होकर 15 जून तक रहेंगे। इसके बाद 16 जून से शिक्षकों को विद्यालय आना होगा।