हिलेरी स्टेप में हुई मौत
नेपाल की स्न्नोई होराइजन ट्रेक्स एंड एक्सपीडिशन के मैनेजिंग डायरेक्टर बोधराज भंडारी ने बताया कि सुब्रत सफलतापूर्वक माउंट एवरेस्ट की 8,848 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंच गए थे। चोटी से नीचे उतरते समय सुब्रत अचानक हिलेरी स्टेप में गिर गए, जहां उनकी मृत्यु हो गई।
हिलेरी स्टेप को कहते हैं ‘डेथ जोन’
बता दें कि हिलेरी स्टेप माउंट एवरेस्ट की चोटी के बेहद नजदीक है, जिसे ‘डेथ जोन’ भी कहा जाता है। जानकारी के अनुसार, रात को लगभग 2 बजे सब्रत अपने गाइड के साथ माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे थे। हालांकि ऊंचाई पर पहुंचने के बाद वो अचानक असहज महसूस करने लगे। हिलेरी स्टेप तक पहुंचने के बाद उन्होंने नीचे उतरने से इनकार कर दिया और हिलेरी स्टेप से नीचे गिरने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
शव को बेस कैंप लाने की कोशिश
माउंट एवरेस्ट पर 8000 मीटर (26,250 फीट) की ऊंचाई पर मौजूद हिलेरी स्टेप, साउथ कॉल और चोटी के बीच की जगह है। यहां प्राकृतिक रूप से ऑक्सीजन काफी कम होती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। भंडारी ने बताया कि सुब्रत के शव को बेस कैंप तक लाने की कोशिश की जा रही है। उनकी मौत की असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद ही पता चल सकेगा।
फिलीपींस के पर्वतारोही की भी हुई थी मौत
नेपाल पर्यटन विभाग के अनुसार इस सीजन में यह दूसरी मृत्यु है। इससे पहले फिलीपींस के 45 वर्षीय पर्वतारोही फिलिप द्वितीय सैंटियागो की भी बुधवार देर रात को मृत्यु हो गई थी। फिलीप माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ाई कर रहे थे। चौथे कैंप में पहुंचने तक वो काफी थक गए थे और आराम करने लगे। इस दौरान अचानक उनकी मृत्यु हो गई।
अब तक 345 लोगों की मौत
हिमालयन डेटाबेस के अनुसार जब से एवरेस्ट पर चढ़ाई शुरू हुए 100 साल से अधिक हो चुके हैं। तब से अब तक यहां 345 लोगों की मौत हो चुकी है। इस साल मार्च से मई के बीच एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए 459 परमिट जारी किए गए थे। वहीं इस हफ्ते लगभग 100 पर्वतारोही शिखर पर पहुंच चुके हैं।