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बुलंदशहर
सलेमपुर थाना क्षेत्र के गांव कैलावन में हुए बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड में बुधवार को न्यायाधीश ने दोष सिद्ध होने पर दिल्ली पुलिस के सिपाही समेत दो को आजीवन कारावास और 1.45-1.45 लाख रुपये के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है।
यह है पूरा मामला
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता योगेश शर्मा एवं आशुतोष कुमार ने बताया कि दो अक्टूबर 2022 को कैलावन गांव निवासी नरेश प्रजापति पुत्र लक्ष्मण सिंह ने समेमपुर थाने पर मुकदमा दर्ज कराया था।
इसमें नरेश प्रजापति ने बताया था कि वह पंचायत विभाग में सफाई कर्मचारी होने के साथ समिति के सचिव पद के कार्य को भी देखता था। एक अक्टूबर 2022 की रात को उसके गांव में माता काली की शोभा यात्रा निकाल रही थी, जिसे देखने के लिए उसका पुत्र भूपेंद्र उर्फ गोलू और भतीजा जगदीश उर्फ भूरा गए थे।
देर रात तक दोनों वापस घर नहीं पहुंचने थे। इस पर तलाश में उनका कहीं पर कोई सुराग नहीं मिला था। उसी रात को संभल के थाना रजपुरा क्षेत्र के गांव भोपतपुर में गला एवं गुप्तांग कटा हुआ एक शव बरामद हुआ था।
बाद में उसकी पहचान जगदीश उर्फ भूरा के रूप में हुई। पुलिस जांच में एक नाबालिग और दिल्ली पुलिस में सिपाही दीपांशु का नाम प्रकाश में आया था। चार अक्टूबर को पुलिस ने नाबालिग और दीपांशु उर्फ दुर्गेश को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर संभल क्षेत्र से ही अनूपशहर रोड से भूपेंद्र उर्फ गोलू का सिर और गुप्तांग कटा शव बरामद कर लिया था।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि एक नाबालिग ने आरोपी दीपांशु उर्फ दुर्गेश एवं उसके भाई तुषार उर्फ गोलू पुत्र स्व. किशन गोपाल निवासी गांव कैलावन के साथ मिलकर दोनों को घर से बुलाकर ले गया था।
आरोपियों द्वारा दोनों की हत्या कर गर्दन काटकर गंगा में फेंक दी और शवों को अलग-अलग स्थानों पर डाल दिया था। पुलिस ने जांच के बाद न्यायालय में नाबालिग, उसकी मां लता, दीपांशु, तुषार के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। मामला सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीश अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 14 की अदालत में गया।
नाबालिग की पत्रावली पृथक कर दी गई, जिसका मामला वर्तमान में किशोर न्यायालय में विचाराधीन है। न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं की बहस, गवाहों के बयान, पत्रावली का उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन के आधार पर तुषार शर्मा उर्फ गोलू और दुर्गेश उर्फ दीपांशु को दोष सिद्ध होने पर आजीवन कारावास और 1.45 – 1.45 लाख के अर्थदंड की सजा से दंड़ित किया। वही आरोपी लता शर्मा को दोष मुक्त किया है। दोनों दोषियों को जेल भेज दिया गया है।