पुलिस पूछताछ में पता चला कि एक नाबालिग ने आरोपी दीपांशु उर्फ दुर्गेश एवं उसके भाई तुषार उर्फ गोलू पुत्र स्व. किशन गोपाल निवासी गांव कैलावन के साथ मिलकर दोनों को घर से बुलाकर ले गया था।
आरोपियों द्वारा दोनों की हत्या कर गर्दन काटकर गंगा में फेंक दी और शवों को अलग-अलग स्थानों पर डाल दिया था। पुलिस ने जांच के बाद न्यायालय में नाबालिग, उसकी मां लता, दीपांशु, तुषार के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। मामला सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीश अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 14 की अदालत में गया।
नाबालिग की पत्रावली पृथक कर दी गई, जिसका मामला वर्तमान में किशोर न्यायालय में विचाराधीन है। न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं की बहस, गवाहों के बयान, पत्रावली का उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन के आधार पर तुषार शर्मा उर्फ गोलू और दुर्गेश उर्फ दीपांशु को दोष सिद्ध होने पर आजीवन कारावास और 1.45 – 1.45 लाख के अर्थदंड की सजा से दंड़ित किया। वही आरोपी लता शर्मा को दोष मुक्त किया है। दोनों दोषियों को जेल भेज दिया गया है।