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नई दिल्ली। 8 और 9 मई की रात पाकिस्तान ने पश्चिमी सीमा और जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) में नियंत्रण रेखा (LOC) पर ड्रोन हमला किया था, जिसे भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया।
पाकिस्तानी ड्रोन हमारे स्वदेशी रूप से विकसित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली आकाश (Akash Missile System) के सामने ढेर हो गए।
भारत के पास दो धांसू हवाई रक्षा सिस्टम हैं। एक है आकाश मिसाइल सिस्टम और दूसरा है S-400। इन्हीं दो उपकरणों ने पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल को बेदम कर दिया और नाकाम कर जमीन में गिरा दिया।
आईए जानते हैं आकाश मिसाइल सिस्टम क्या है और यह कैसे काम करता है और कैसे इसने पाकिस्तानी ड्रोनों को ढेर किया…
भारत में निर्मित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली आकाश का भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा भारतीय लक्ष्यों पर पाकिस्तानी हमलों को विफल करने में प्रभावी ढंग से उपयोग किया गया। भारतीय सेना और वायु सेना दोनों के पास पाकिस्तान सीमा पर मिसाइल प्रणाली है।
- आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली एक मध्यम दूरी की, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है।
- भारत का आकाश-1, 25 से 45 किमी दूरी और 18 किमी ऊंचाई तक निशाना लगा सकता है।
- इसी तरह इसका अपग्रेडेड वर्जन आकाश-NG, 70-80 किमी तक मार करता है।
- इसका सुपरसोनिक स्पीड लगभग 3,500 किमी/घंटा से दुश्मन को भेद देता है।
- इस सिस्टम में स्मार्ट रडार लगे होते हैं,जो 150 किमी दूर तक 64 टारगेट्स को देख सकता है और एक साथ 12 मिसाइलों को गाइड कर सकता है।
- मिसाइल में स्मार्ट गाइडेंस है,जो इसे आखिरी पल में भी टारगेट को लॉक करने में मदद करती है।
- भारतीय सेना के एयर डिफेंस सिस्टम आकाश को कहीं भी लेकर जाया जा सकता है।
- चाहे LoC हो या पंजाब की सीमा इसे ट्रक या टैंक जैसे वाहनों पर लादकर कहीं भी ले जाया जा सकता है।
- आकाश का 82% हिस्सा भारत में बनता है और यह मेक इन इंडिया का सुपर स्टार है।
- भारत का आकाश पाकिस्तान के JF-17 जैसे फाइटर जेट्स, तुर्की का TB2 या चीन का CH-4 जैसे ड्रोन और बाबर जैसी क्रूज मिसाइल को ढेर कर सकता है।
- 2020 में एक टेस्ट में आकाश ने 10 ड्रोनों को एक साथ उड़ा दिया था।
जारी है ‘ऑपरेशन सिंदूर’
भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 और 8 मई की रात को उत्तरी और पश्चिमी भारत में कई भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल हमले के पाकिस्तानी सेना के प्रयासों को भी सफलतापूर्वक विफल कर दिया और लाहौर में एक वायु रक्षा प्रणाली को भी निष्प्रभावी कर दिया था।