भारत ने इन हथियारों से दिया जवाब
भारत ने पाकिस्तानी मिसाइलों को इन हथियारों से धूल चटा दिया है। भारत के पास कई स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम हैं, जबकि भारत ने कई दूसरे देशों के साथ भी करार कर उन्नत हथियार को अपने जखीरे में शामिल किया हुआ है।
आकाश मिसाइल प्रणाली- आकाश मिसाइल प्रणाली भारत द्वारा विकसित एक स्वदेशी सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने डिज़ाइन और विकसित किया है, और यह भारतीय सेना और वायुसेना के लिए हवाई खतरों, जैसे लड़ाकू विमान, ड्रोन, क्रूज मिसाइल और हेलीकॉप्टर, को नष्ट करने में सक्षम है।
L-70- L-70, जिसे Bofors L/70 के नाम से भी जाना जाता है, एक 40 मिमी कैलिबर की स्वचालित विमान-रोधी तोप (Anti-Aircraft Gun) है, जिसे स्वीडन की कंपनी बोफोर्स ने डिज़ाइन किया था। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विकसित की गई थी और कई देशों की सेनाओं, जिसमें भारतीय सेना भी शामिल है, द्वारा व्यापक रूप से उपयोग की जाती है। भारत में इसे हवाई रक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाता है,
MRSAM (मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल)– मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (Medium Range Surface-to-Air Missile – MRSAM), जिसे भारत में ‘अभ्रा’ हथियार प्रणाली के नाम से भी जाना जाता है, एक उन्नत हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली है। इसे भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ (IAI) ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
शिल्का (ZSU-23-4)- शिल्का (ZSU-23-4) एक सोवियत-निर्मित स्वचालित, रडार-निर्देशित विमान-रोधी तोप प्रणाली (Self-Propelled Anti-Aircraft Gun – SPAAG) है, जिसे 1960 के दशक में विकसित किया गया था। इसका नाम रूसी नदी “शिल्का” के नाम पर रखा गया है। यह प्रणाली निचले स्तर के हवाई खतरों, जैसे हेलीकॉप्टर, ड्रोन, और कम ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले विमानों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
Zu-23-2- Zu-23-2 एक सोवियत-निर्मित 23 मिमी कैलिबर की जुड़वां बैरल वाली विमान-रोधी तोप (Twin-Barrel Anti-Aircraft Gun) है, जिसे 1950 के दशक में विकसित किया गया था। इसे निचले स्तर के हवाई खतरों, जैसे हेलीकॉप्टर, ड्रोन, और कम ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले विमानों, साथ ही हल्के बख्तरबंद जमीनी लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।