खुशी से झूम उठीं महिलाएं
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की खबर मिलते ही खुशी से महिलाएं झूम उठीं। बड़ी संख्या में सुबह करीब 10 बजे हाजीपुर शहर के ऐतिहासिक गांधी आश्रम में जुटीं।
गांधी आश्रम के मंच से ही कभी राष्ट्रपिता गांधी और भगत सिंह ने देश की स्वतंत्रता का बिगुल फूंका था। इस मंच से इन महिलाओं ने पूरे भारत को संदेश दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ऑपरेशन सिंदूर भारत की समस्त महिलाओं के मान-सम्मान और अस्तित्व की रक्षा करने वाला था।
सुबह मंदिर में की पूजा-अर्चना
इन महिलाओं ने सुबह में मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद सामूहिक रूप से एक-दूसरे को 15 दिनों के बाद माथे में सिंदूर लगाया और नगर के अधिकतर मोहल्लों में इन महिलाओं की टोली ने पहुंचकर सिंदूर लगाओ पर्व बड़े गर्व के साथ मनाया।
समाज से आह्वान किया कि अगर पाकिस्तान ने कोई फिर से हरकत की तो हम महिलाएं चूड़ियां पहनकर नहीं बैठेंगी, बल्कि भारत के अस्तित्व की रक्षा के लिए हम भी अपना जान और प्राण की बाजी लगा देंगी।
सिंदूर को न्याय मिलने का था इंतजार
कार्यक्रम में हिंदू जागरण के क्षेत्र संयोजक विनोद कुमार यादव, इस्कान के प्रचारक सीता रामेश्वर दास, डॉ. यूएस गौतम, सोनू, अशोक राय सहित अनेकों सामाजिक कार्यकर्ता भी थे।
हाजीपुर नगर में सिंदूर लगाओ अभियान चलाने वाली बहनों में डॉ. अर्चना गौतम, यशोदा देवी, बेबी देवी, राधा कुमारी, मिलन कुमारी, बिंदु देवी, सुदामा देवी, सविता देवी, अनु देवी, सीमा कुमारी, शोभा देवी, नीलम देवी सहित अन्य महिलाएं शामिल थीं।
गांधी आश्रम, उमेश सिनेमा रोड, दिग्गी, अनवरपुर सहित कई मोहल्ले में इन महिलाओं ने ऐसे संकल्प रखने वाली उन महिलाओं को सिंदूर लगाया। महिलाओं ने तब तक सिंदूर नहीं लगाने का संकल्प लिया था जब तक पहलगाम हमले की पीड़ित बहनों के सिंदूर को न्याय न मिल जाए।
इस वजह से लिया था संकल्प
संकल्प लेने वाली महिलाओं का कहना था कि पुलवामा हमले में पीड़ित महिलाओं के सिंदूर को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने धो डाला था।
पीड़ित महिलाओं ने अपने बयान में झकझोर देने वाली जानकारी दी थी। उनमें से एक का कहना था कि आतंकियों ने मेरे पति को मेरे सामने गोली मार दी।
इस बारे में बात करते हुए यशोदा देवी ने बताय कि पीड़िता ने आगे बताया कि आतंकी ने उनसे कहा कि तुझे मैं तुझे मोदी को बताने के लिए जिंदा छोड़ रहा हूं। यशोदा की ये बात सुनकर मौके पर मौजूद कई महिलाएं रो पड़ीं।