बैतूल | बैतूल जिले में नरवाई जलाने के आरोप में 70 से अधिक किसानों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के विरोध में किसान कांग्रेस ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठन ने राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन कलेक्टर कार्यालय में सौंपा, जिसमें किसानों पर दर्ज एफआईआर को तत्काल वापस लेने की मांग की गई। किसान कांग्रेस के नेता रमेश गायकवाड़ के नेतृत्व में किसान नेताओं ने जिला प्रशासन पर किसानों के साथ अन्याय करने और उन्हें अनावश्यक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। रबी फसल से होने वाली मामूली आमदनी खरीफ फसल की तैयारियों में ही खर्च हो जाती है, जिससे किसानों के पास कोई बचत नहीं बचती। किसान नेताओं ने नरवाई जलाने की मजबूरी को भी उजागर किया। उन्होंने बताया कि मजदूरों की कमी के कारण किसानों को गेहूं की कटाई हार्वेस्टर से करवानी पड़ती है, जिससे खेतों में नरवाई रह जाती है। इस नरवाई को नष्ट करने के लिए सुपर सीडर और रोटावेटर जैसे कृषि यंत्रों की आवश्यकता होती है, जो 60 एचपी के ट्रैक्टरों से चलते हैं। हालांकि, जिले के 90 प्रतिशत किसानों के पास छोटे ट्रैक्टर हैं, जो इन यंत्रों को चलाने में सक्षम नहीं हैं। इसलिए, किसानों के पास नरवाई जलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है, ताकि वे समय पर खरीफ फसल की बुवाई कर सकें। किसान नेताओं ने सरकार पर किसानों को किसान सम्मान निधि रोकने की धमकी देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि फसलों के समर्थन मूल्य में हो रहे नुकसान की तुलना में किसान सम्मान निधि बहुत कम है, और यह किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसानों पर दर्ज एफआईआर को तत्काल वापस नहीं लिया गया, तो किसान कांग्रेस एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने जिला प्रशासन से किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेने और उनकी मांगों को मानने का आग्रह किया, ताकि किसानों को न्याय मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
बैतूूल में नरवाई जलाने पर 70 किसानों पर FIR:किसान कांग्रेस ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, मामले वापस लेने की मांग
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