दमोह |
जिला मुख्यालय से 5 किमी दूर मारूताल गांव के पास पहाड़ी पर वर्ष 2009 में 280 हेक्टेयर क्षेत्रफल में उद्योग नगरी बनाई गई थी। जहां पर करीब 20 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर चारों तरफ बिजली के खंभे, डामर की सड़कें बनाई गईं, लेकिन 15 साल बीतने के बावजूद भी महज 25 उद्योग ही खुल पाए हैं।
जबकि यहां पर 100 से अधिक उद्योग खोलने के लिए पर्याप्त जगह है। स्थापना के बाद 5 नए उद्योग ही खुले हैं, बाकी जगह खाली पड़ी है। इसकी मुख्य वजह यह कि यहां पर उद्योगों के लिए न तो पानी की सुविधा है न ही स्ट्रीट लाइट व न सुरक्षा की व्यवस्था है। कई बार यहां पर चोरी की वारदातें भी हो चुकी हैं।
यही वजह है कि सितंबर माह में रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में यहां पर एक भी निवेशकों ने उद्योग खोलने रूचि नहीं दिखाई थी। उद्योगपतियों का कहना है कि जरूरी सुविधाएं नहीं होने से यहां पर नए उद्योग नहीं खुल पा रहे हैं। वहीं कुछ बंद होने की कगार पर हैं।