पटपड़गंज की फैक्ट्री में आग, 30 दमकल गाड़ियां लगीं। दो करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान। एक की मौत
मई, 2022:
बवाना औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री में आग, 17 दमकल गाड़ियां लगीं, 70 लाख रुपये का अनुमानित नुकसान
जून, 2022:
मंगोलपुरी औद्योगिक क्षेत्र फेज-1 में फैक्ट्री में आग, 26 दमकल गाड़ियां पहुंचीं, 1.5 करोड़ रुपये का नुकसान
सितंबर, 2023:
बवाना में फैक्ट्री में आग के साथ धमाका। दो की मौत, चार गंभीर रूप से घायल
फरवरी, 2024:
उत्तरी दिल्ली के अलीपुर में पेंट फैक्ट्री में आग में 11 लोगों की मौत
मई, 2024:
डीएसआइडीसी फेस 1 औद्योगिक क्षेत्र की बलदेव इंडस्ट्रीज (फैक्ट्री नंबर 103) में आग। 50 लाख रुपये से अधिक का नुकसान। एक की मौत
जून, 2024:
नरेला औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री में कंप्रेशर फटने से लगी आग। तीन श्रमिकों की मौत, छह घायल
दिसंबर, 2024: बवाना औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर-1 में फैक्ट्री में आग। 60 लाख रुपये का नुकसान
दिसंबर, 2024:
नजफगढ़ में फैक्ट्री में आग लगने से उसमें फंसकर चार लोग जख्मी हो गए
जनवरी, 2025:
जीटीबी एन्क्लेव इलाके में एक फैक्ट्री में आग लगने से पांच कर्मचारी फंसे, एक की मौत, चार को बचाया गया
औद्योगिक क्षेत्रों में क्यों होते हैं हादसे दिल्ली इंस्टीट्यूट आफ फायर इंजीनियरिंग के चेयरमैन वीरेंद्र गर्ग बताते हैं कि औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्रियों में छोटी-छोटी लापरवाही भारी पड़ती हैं। फैक्ट्रियों में जगह कम होने के कारण निकास द्वार पर भी सामान रख दिए जाते हैं। इससे निकलने का रास्ता नहीं बचता है। बिजली के मीटर के पास ज्वलनशील पदार्थ रख देते हैं। इससे आग तेजी से फैलती है। दमकल उपकरणों की समय-समय पर जांच नहीं होती है। ऐसे में जरूरत पड़ने पर ये काम नहीं करते हैं। सभी फैक्ट्रियों में दमकल विभाग की तरफ से निरंतर निगरानी होनी चाहिए। दमकल विभाग का एनओसी सभी के पास अनिवार्य होना चाहिए। तभी हादसों पर लगाम लग सकती है।