किसके पास कितने हेलीकॉप्टर?
सैन्य अभियानों में आ रही दिक्कत
गुजरात की घटना बनी वजह
इसी साल 5 जनवरी को गुजरात के पोरबंदर में तटरक्षक बल का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ था। इस हादसे में दो पायलटों और एक एयरक्रू डाइवर की जान चली गई थी। इसके बाद सभी ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टरों को ग्राउंड कर दिया गया था।
शुरुआती जांच में जानकारी मिली कि हादसा हेलीकॉप्टर में ‘स्वैशप्लेट फ्रैक्चर’ के कारण हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि अन्य एएलएच में भी ऐसी ही समस्या देखने को मिल सकती है। इस वजह से इन्हें ग्राउंड किया गया है।
उधर, जांच में एचएएल भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु की मदद भी ले रहा है। उम्मीद है कि अप्रैल के अंत तक संस्थान अपनी रिपोर्ट सौंप देगा।
सिविल हेलीकॉप्टर इस्तेमाल कर रही सेना
सेना हेलीकॉप्टर की कमी से जूझ रही है। इस बीच एक अधिकारी ने कहा कि उम्मीद की किरण यह है कि सेना ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर ऊंचाई वाले चौकियों पर सैनिकों के परिवहन और रसद की आपूर्ति में कुछ सिविल हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रही है।
अधिकारी ने आगे कहा कि सेना के उत्तरी और मध्य कमान ने पिछले नवंबर में सिविल हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल शुरू किया। अगर ऐसा नहीं किया गया जाता तो अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों तक आपूर्ति पहुंचाना बेहद मुश्किल हो जाता।