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अयोध्या
Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर सहित देवी-देवताओं के छह मंदिरों के शिखर पर लगने वाले धर्म ध्वज दंड प्रतिकूल परिस्थितियों में भी नहीं डिगेंगे। ब्रास सहित कुछ अन्य धातु व रसायन के मिश्रण से निर्मित धर्म ध्वज दंड की आयु लगभग 200 वर्ष होगी।
राम मंदिर के शिखर पर 40 फीट और देवी-देवताओं के मंदिरों पर 20-20 फीट ऊंचाई के धर्म ध्वज दंड लगाए जाएंगे। सप्तर्षियों के अतिरिक्त सभी आठ मंदिरों के धर्म ध्वज दंड आ गए हैं। इन्हें इसी माह के अंत तक लगाने की तैयारी है। यद्यपि यह कलश स्थापना के बाद ही संभव होगा। सहायक मंदिरों के शिखर पर इसी पखवारे कलश भी स्थापित हो जाएंगे।
मां दुर्गा के मंदिर पर भी कलश स्थापित
राम मंदिर के 101 फीट ऊंचे मुख्य शिखर निर्माण के साथ ही गत सोमवार को रामजन्मभूमि परिसर के मंदिरों पर कलश स्थापना का कार्य प्रारंभ हो गया। बुधवार को राम मंदिर के पश्चिम-उत्तर दिशा में परकोटे के मध्य निर्मित मां दुर्गा के मंदिर पर भी कलश स्थापित कर दिया गया है। अब पांच सहायक मंदिरों के शिखर पर कलश स्थापित होने हैं।
शेषावतार लक्ष्मण जी के मंदिर पर कलश सबसे अंत में स्थापित होगा। वहीं, परकोटे के बाहर निर्मित सप्तर्षियों के सातों मंदिरों पर न तो कलश स्थापित होंगे, न ही धर्म ध्वज दंड लगेंगे। कलश व धर्म ध्वज दंड की स्थापना केवल उन्हीं मंदिरों में होनी है, जिनमें देवी-देवताओं की प्रतिष्ठापना होगी।
राम मंदिर का धर्म ध्वज दंड साढ़े पांच टन का
सहायक मंदिरों पर लगने वाला धर्म ध्वज दंड तो 500-600 किग्रा के ही हैं, लेकिन राम मंदिर के शिखर पर लगने वाला 40 फीट ऊंचा धर्म ध्वज दंड लगभग साढ़े पांच टन वजन का है। अधिक वजनी होने के कारण कलश की भांति इसे भी टावर क्रेन के माध्यम से ही चढ़ाया जाएगा।
इसे लगाने के लिए अहमदाबाद की कंपनी के विशेषज्ञ रामनगरी पहुंच गए हैं। इनकी स्थापना का कार्य मुख्य कार्यदायी एजेंसी लार्सन एंड टुब्रो के निर्देशन में होना है। इसमें टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स लिमिटेड (टीसीईएल) के अभियंता सहयोग कर रहे हैं।
टीसीईएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कलश स्थापना के उपरांत ही धर्म ध्वज दंड की स्थापना करने की तैयारी है। संभव है कि अप्रैल के अंत से मई के प्रथम सप्ताह तक इनकी स्थापना हो जाएगी।