पहले 35 बाघ थे लेकिन संख्या घटकर 24 रह गई थी। टाइगर रिजर्व बनने के बाद सुरक्षा, संरक्षण के साथ ही अनुकूल वातावरण मिलने की वजह से बाघों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की ओर से वर्ष 2018 में कराई गई गणना में यहां 65 बाघ होने की पुष्टि हुई थी। यह अपने में काफी बड़ी उपलब्धि रही।
ऐसे में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के परिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता प्रमुख मिंडोरी पैक्सटन की ओर से टाइगर रिजर्व को महज चार वर्षों में बाघों की संख्या दोगुणी से अधिक करने पर पहला ग्लोबल अवार्ड टी एक्स-टू प्रदान किया गया था।
इसके बाद अप्रैल 2023 में बाघ आवास एवं वन्यजीव गलियारा प्रबंधन के क्षेत्र में यहां बेहतर कार्य होने पर अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी समिति की ओर से सीए, टीएस अनुमोदन प्रदान किया गया। कई दिन पहले जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों को महोफ गेट से शुरू होने वाले जंगल मार्ग पर चार शावकों के साथ बाघिन दिखी।
इसके अलावा चूका स्थल के निकट जंगल में दो शावकों के साथ एक अन्य बाघिन देखी गई। तीसरी बाघिन मृगनयनी ताल के आसपास तीन शावकों के साथ दिखी। एक अन्य बाघिन को गत दिवस दो शावकों के साथ पर्यटकों ने जंगल में विचरण करते देखा। इस तरह से विभिन्न स्थानों पर कुल 11 शावक अपनी अपनी मां के साथ दिख चुके हैं।