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नई दिल्ली
देश की सबसे बड़ी अदालत में वक्फ कानून को लेकर बुधवार को सुनवाई हुई, जो करीब 70 मिनट तक चली। इस दौरान वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वक्फ कानून के खिलाफ याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं ने अपनी दलीलें रखीं, वहीं केंद्र सरकार ने भी कानून के बचाव में अपना पक्ष रखा। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ कानून को लेकर केंद्र सरकार से तीखे सवाल भी किए। आज भी इस मामले पर सुनवाई होने वाली है, फिर तस्वीर साफ हो जाएगी।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में तमाम तरह की दलीलें दी गई और तर्क पेश किया गया। बुधवार को सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ, ये जानने से पहले जानते हैं कि आखिर क्यों कल सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करने से खुद को रोक लिया? क्यों अंतरिम आदेश से पहले कोर्ट ने सुनवाई जारी रखने का निर्णय लिया?
बुधवार को कोर्ट में क्या-क्या हुआ?
- वक्फ कानून से जुड़े तीन संसोधनों को लेकर बुधवार को अंतरिम आदेश आ सकता था।
- पहला मुद्दा- वक्फ बाय यूजर संपत्तियों का डिनोटिफेकेशन।
- दूसरा मुद्दा- वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना।
- तीसरा मुद्दा- वक्फ प्रोपर्टी के विवाद में कलेक्टर को मिले अधिकार।
- केंद्र सरकार ने अंतरिम आदेश जारी करने से पहले अपनी दलीलें सुनने की अपील की।
- वक्त की कमी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून की सुनवाई आगे बढ़ा दी।
बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में वक्फ कानून को लेकर करीब 70 मिनट तक सुनवाई चली। इससे एक बात साफ हो गई कि इस कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट अंतरिम आदेश जारी करेगा। लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि आखिर अंतरिम आदेश में क्या होगा। क्या सुप्रीम कोर्ट वक्फ कानून पर रोक लगाएगा?
CJI ने केंद्र से पूछे तीखे सवाल
वक्फ कानून को लेकर 70 मिनट तक हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने केंद्र सरकार से कई तीखे सवाल किए। इससे तस्वीर थोड़ी साफ हो गई है कि आज सुनवाई के बाद वक्फ कानून के तीन संसाधनों को लेकर कोर्ट का अंतरिम आदेश आ जाए।
वक्फ कानून को लेकर क्या-क्या दलीलें दी गई?
बुधवार को सुनवाई के दौरान सबसे पहले कपिल सिब्बल ने कहा, “ये इतना आसान नहीं है, वक्फ सैकड़ों साल पहले बनाया गया है, अब ये तीन सौ साल पुरानी संपत्ति की वक्फ डीड मांगेंगे, यहां समस्या है।” इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “वक्फ बाय यूजर क्यों हटाया गया, कई पुरानी मस्जिदें हैं। 14वीं और 16वीं शताब्दी की मस्जिदें हैं, जिनके पास रजिस्ट्रेशन सेल डीड नहीं होगी। ऐसी संपत्तियों को कैसे रजिस्टर्ड किया जाएगा।”