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नई दिल्ली
दिल्ली विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई कॉलेज में प्राचार्य द्वारा कक्षा की दीवारों पर गोबर और मिट्टी लगाने के मामले में कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पूरे घटनाक्रम पर हैरानी जताई है।
उन्होंने कहा है कि अगर प्राचार्य ऐसा अपने घर पर करतीं हैं, तो कक्षाओं में इस तरह के प्रयोग करें। यह उनको देखना चाहिए। उन्होंने कहा, वैज्ञानिक रूप से उन्हें इसकी जानकरी नहीं है, लेकिन वह ऐसी शुरुआत करतीं तो पहले घर से करनी चाहिए।
लक्ष्मीबाई कॉलेज की प्राचार्य प्रो. प्रत्युष वत्सला का एक वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसमें वह कक्षाओं में गोबर और मिट्टी का लेप लगाती हुईं नजर आ रही हैं। इस वीडियो को उन्होंने कॉलेज के प्रोफेसरों के ग्रुप में साझा करते हुए सी ब्लाक में गर्मी की शिकायत के लिए देसी उपाय किए जा रहे हैं।
यहां जिनकी कक्षाएं हैं, उन्हें शीघ्र ही ये कमरे एक नए कलेवर में मिलेंगे। आपका शिक्षण अनुभव सुखद हो, इसका प्रयास चल रहा है। उन्होंने कॉलेज के पांच ब्लाकों में से सी ब्लाक के तीन कक्षों की दीवारों पर गोबर व मिट्टी का लेप लगा दिया। उन्होंने इसे एक शोध का हिस्सा बताया है।
कॉलेज की एक छात्र नेता ने कहा, “सी ब्लाक में नीचे कैंटीन है। इसलिए वहां गर्मी लगती है। हमने इसकी शिकायत की थी और इसके बाद यह कदम प्राचार्य ने उठाया है। कक्षों में पंखे तो लगे हैं, लेकिन उनका वह उतने असरदार नहीं रहते।”
उधर, पूरे मामले पर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष ने कहा है कि प्राचार्य का कदम छात्रों के साथ एक मजाक है। वह मंगलवार को स्वयं कॉलेज जाएंगे और प्राचार्य के कक्ष में गोबर लगाएंगे। ताकि वह समझ पाएं कि समस्या क्या होती है। वह खुद एयर कंडिशनर में बैठ रही हैं और छात्रों के लिए गोबर का इस्तेमाल कर रही हैं।
कॉलेज परिसर में पाली हैं गायें
कॉलेज परिसर में एक गोकुल धाम बनाया गया है। इसमें प्रकृति से जुड़ने के प्रयास के तहत बतख पाले गए हैं और गार्डन तैयार किया गया है। इसमें दो से तीन गायें भी पाली हुई हैं। बताया जा रहा है कि इनके गोबर का इस्तेमाल उन्होंने कक्षाओं में किया है। डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने इस पर कहा है कि गाय पालने को लेकर नियम के बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है।