कॉलेज की एक छात्र नेता ने कहा, “सी ब्लाक में नीचे कैंटीन है। इसलिए वहां गर्मी लगती है। हमने इसकी शिकायत की थी और इसके बाद यह कदम प्राचार्य ने उठाया है। कक्षों में पंखे तो लगे हैं, लेकिन उनका वह उतने असरदार नहीं रहते।”
उधर, पूरे मामले पर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष ने कहा है कि प्राचार्य का कदम छात्रों के साथ एक मजाक है। वह मंगलवार को स्वयं कॉलेज जाएंगे और प्राचार्य के कक्ष में गोबर लगाएंगे। ताकि वह समझ पाएं कि समस्या क्या होती है। वह खुद एयर कंडिशनर में बैठ रही हैं और छात्रों के लिए गोबर का इस्तेमाल कर रही हैं।

कॉलेज परिसर में पाली हैं गायें

कॉलेज परिसर में एक गोकुल धाम बनाया गया है। इसमें प्रकृति से जुड़ने के प्रयास के तहत बतख पाले गए हैं और गार्डन तैयार किया गया है। इसमें दो से तीन गायें भी पाली हुई हैं। बताया जा रहा है कि इनके गोबर का इस्तेमाल उन्होंने कक्षाओं में किया है। डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने इस पर कहा है कि गाय पालने को लेकर नियम के बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है।