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गाजीपुर
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद जिलाधिकारी आर्यका अखौरी काफी सख्त हो गई हैं। फर्जीवाड़े में संलिप्तता मिलने पर अब तक दस लेखपालों को निलंबित करने के साथ ही सीडीओ के स्टेनो राधेश्याम यादव को जमानियां ब्लाक से संबद्ध कर दिया है।
जिलाधिकारी के सख्त तेवर को देखते हुए फर्जी तरीके नियुक्त हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी सहम गए हैं और कार्रवाई की डर से स्वयं इस्तीफा देना शुरू कर दिए हैं। जखनियां ब्लाक में नवनियुक्त पांच आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपना इस्तीफा सौंपा है। इनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है, इससे संबंधितों में खलबली मची हुई है।
शिकायतें मिलने पर जिलाधिकारी ने जताई नाराजगी
जिले में 290 रिक्त पदों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती हुई है। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रशासन की ओर से जैसे ही चयनित कार्यकर्ताओं की सूची जारी हुई, इसके बाद एक-एक शिकायतें मिलने लगीं। जिस पर जिलाधिकारी ने काफी नाराजगी जाहिर की और मामले की गहनता से जांच कराई। इसके बाद सभी जिन्न निकलकर बाहर आने लगे।
फर्जी आय प्रमाणपत्र बनाने वाले दस लेखपालों को जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके बाद सामने आया कि चयन कमेटी के चेयरमैन मुख्य विकास अधिकारी के स्टेनो राधेश्याम यादव ने अपनी बेटी का नियुक्ति करा दिया है, जबकि उसका पति जौनपुर में सहायक अध्यापक है।
जिसका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए स्टेनो को जमानियां ब्लाक से संबद्ध कर दिया। जांच में सबसे अधिक गड़बड़ी मनिहारी बाल विकास परियाेजना में मिली।
यहीं के कनिष्ट बाबू अतुल सिंह को डीपीओ कार्यालय का मुख्य लिपिक बना दिया गया। अतुल सिंह भर्ती की सभी प्रक्रिया में शामिल रहा। इसमें इसकी भी भूमिका संदिग्ध मिलने पर जिलाधिकारी के निर्देश पर सीडीओ का प्रभार देख रहे पीडी राजेश यादव ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
एक के बाद एक इतनी कार्रवाई होने के बाद फर्जी तरीके नियुक्ति कराने वाले भी सहम गए और अब अपना इस्तीफा देना शुरू कर दिए हैं। हालांकि, प्रशासन अब इनके ऊपर भी कार्रवाई के मूड में आ गया है।
डीपीओ कार्यालय के बाबू ने दिया स्पष्टीकरण
डीएम के निर्देश पर डीपीओ कार्यालय के बाबू अतुल सिंह को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था, जिसका उसने जवाब दे दिया है। प्रभारी सीडीओ राजेश यादव ने बताया कि अतुल सिंह का स्पष्टीकरण मिल गया है। जिसे जिलाधिकारी को प्रेषित कर दिया गया है। उनके दिशा-निर्देश के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।