उत्तरी राज्यों की ओर जाने वाले इंटर-स्टेट ट्रैफिक को बनाएगा सुचारू
यह फ्लाईओवर रिंग रोड पर कश्मीरी गेट आइएसबीटी से मजनू का टीला की तरफ आने-जाने के लिए लाभ देगा।इसके बनने से खासकर मध्य दिल्ली,नई दिल्ली और कश्मीरी गेट बस अड्डा से उत्तरी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली आने जाने वालों को लाभ मिलेगा। सिविल लाइंस और आसपास के इलाकों के निवासियों के लिए आवागमन को आसान बनाएगा, साथ ही हिमाचल प्रदेश, पंजाब जैसे उत्तरी राज्यों की ओर जाने वाले इंटर-स्टेट ट्रैफिक को भी सुचारू बनाएगा।
हजारों दैनिक यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगी
यात्री-अनुकूल सड़क नेटवर्क के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम
मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा यह फ्लाईओवर राष्ट्रीय राजधानी में एक आधुनिक, कुशल और यात्री-अनुकूल सड़क नेटवर्क के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे’ और ‘जन-जीवन को सरल बनाने’ के विजन के अनुरूप यह परियोजना उत्तर दिल्ली के सबसे व्यस्त जंक्शनों में से एक को डीकंजेस्ट करेगी।कहा कि हमारा उद्देश्य यात्रा का समय कम करना, प्रमुख सड़कों पर दबाव घटाना और पूरे दिल्ली में यातायात की गतिशीलता को बेहतर बनाना है।
पृष्ठभूमि और आवश्यकता
- आउटर रिंग रोड पर सलीमगढ़ किला से सिग्नेचर ब्रिज तक लगातार ट्रैफिक जाम की समस्या देखी जा रही है।
- स्थानीय निवासियों, मार्केट एसोसिएशनों और अन्य हितधारकों द्वारा यह मुद्दा बार-बार उठाया गया।
- पीडब्ल्यूडी और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों द्वारा संयुक्त निरीक्षण किए गए।
- पीडब्ल्यूडी मंत्री के निर्देश पर इस मामले को प्राथमिकता दी गई।
- 25 मार्च 2025 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्च-स्तरीय बैठक में इस समस्या के समाधान हेतु तत्काल कार्यवाही पर सहमति बनी।
वर्तमान स्थिति
- मेटकाफ हाउस टी-जंक्शन पर प्रमुख समस्याएं
- ट्रैफिक सिग्नल का समय अत्यधिक बढ़ जाना
- विभिन्न दिशा से आने वाले ट्रैफिक का मिलान
- सलीमगढ़ किला और सिग्नेचर ब्रिज तक दाेनों तरह लगने वाला लंबा ट्रैफिक जाम
- समग्र मूल्यांकन के बाद यह निर्णय लिया गया कि फ्लाईओवर का निर्माण ही इस जाम से राहत का स्थायी समाधान होगा
परियोजना के मुख्य बिंदु
- छह लेन फ्लाईओवर का निर्माण
- लंबाई: 680 मीटर
- बिना रुकावट के ट्रैफिक प्रवाह को सुनिश्चित करेगा
- सड़क का चौड़ीकरण
- अधिक ट्रैफिक को समायोजित करने का लक्ष्य
- बरसाती पानी ड्रेनेज सिस्टम
- वर्षा जल निकासी के लिए नई व्यवस्था
- फुटपाथों का निर्माण
- पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित और सुलभ रास्ते
- बैक-टू-बैक यू-टर्न की व्यवस्था
- स्थानीय यातायात को आसान बनाएगा और ट्रैफिक को विभाजित करने में मदद करेगा
परियोजना पूर्ण होने के बाद अपेक्षित लाभ
- मेटकॉफ हाउस टी-जंक्शन पर ट्रैफिक का बहाव होगा सुचारु
- ट्रैफिक सिग्नल पर प्रतीक्षा समय में कमी
- लंबी ट्रैफिक लाइनों का अंत
- पैदल यात्रियों और वाहनों की सुरक्षा में सुधार
- आइटीओ और आस-पास के कारिडोर की कनेक्टिविटी में वृद्धि
- ट्रॉमा सेंटर जैसी मेडिकल सुविधाओं तक आपातकालीन पहुंच आसान
- हिमाचल, पंजाब, हरियाणा की ओर अंतरराज्यीय संपर्क बेहतर