स्टेशनों पर सेंसर और आइओटी डिवाइस लगाए जाएंगे, जो भीड़, ट्रेन की स्थिति, या खराबी की जानकारी तुरंत जीआइएस सिस्टम को भेजेंगे। एआई और जीआइएस साफ्टवेयर मिलकर डेटा का विश्लेषण करेंगे और रेलवे कंट्रोल रूम में बड़े स्क्रीन, मोबाइल एप आदि पर सभी स्टेशनों का लाइव जीआएस मैप दिखेगा। सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि प्रयागराज जंक्शन समेत एनसीआर के सभी स्टेशन जीआएस मैपिंग से जुड़ेंगे। चरणबद्ध तरीके से यह प्रक्रिया पूरी होगी।
जीआइएस मैपिंग से मिलेगा यह लाभ 
  • स्टेशन का डिजिटल नक्शा मोबाइल पर मिलेगा, जिसमें रास्ता, टिकट काउंटर, टायलेट, या फूड स्टाल की लोकेशन दिखेगी।
  • यह रीयल-टाइम में वैकल्पिक रास्ते सुझाएगा, जैसे “प्लेटफार्म तीन पर भीड़ है, चार से जाओ।”
  • स्टेशनों के आसपास हरियाली, कचरा प्रबंधन, पानी की स्थिति का पता चलेगा। इससे सोलर पैनल, रेनवाटर हार्वेस्टिंग जैसी योजनाएं बनाना आसान होगा।
  • सीसीटीवी, पुलिस चौकी, और आपातकालीन निकास की सटीक जानकारी होगी। अगर कोई हादसा हो, तो तुरंत मदद भेजी जा सकेगी। जैसे अगर किसी स्टेशन पर आग लगे, जीआइएस तुरंत बता देगा कि निकटतम फायर ब्रिगेड कहां है।
  • ट्रेनों की रीयल-टाइम लोकेशन और स्टेशन की स्थिति को जोड़कर देरी कम हो सकेगी। अगर कोई प्लेटफार्म व्यस्त है, तो ट्रेन को दूसरी जगह भेजा जा सकेगा।