क्या है पूरा मामला?
तत्कालीन अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी की मिली भगत से करोड़ों रुपये मूल्य की सरकारी जमीन को लाखों रुपये के लेनदेन कर फर्जी जमाबंदी कायम कर दी जा रही है। यह मामला आरा शहर के मोती सिनेमा हाल के विपरीत राजेंद्र नगर मोहल्ला में स्थित जमीन से जुड़ा हुआ है।
फर्जी जमाबंदी सफल रहने के बाद सीओ ने जमीन का बढ़ाया था रकबा
वर्ष 2021 में सबसे पहले फर्जी ढंग से तत्कालीन सीओ के द्वारा जमाबंदी की गई। इसके बाद किसी भी प्रकार से इस मामले का खुलासा नहीं होने के बाद अगले कदम के रूप में सीओ ने अपने मन से जमीन का रकबा भी बढ़ा दिया। खाता 1083 खेसरा 2380 में 2.818 डिसमिल और खेसरा 2379 में रकबा जीरो डिसमिल पहले से दिखाया गया था।
इसके बाद तत्कालीन सीओ ने खेसरा 2379 में जमीन का रकबा बढ़ाने के साथ दोनों खेसरा को एक में करके 5.3 डिसमिल रकबा अवैध ढ़ंग से दिखा दिया। अब इस जांच के बाद मामले का पूरा खुलासा होगा और दोषी पर बड़ी कार्रवाई होगी।