Monday, August 4, 2025
Home The Taksal News सरकारी जमीन की कर दी फर्जी जमाबंदी, अब तत्कालीन CO और राजस्व...

सरकारी जमीन की कर दी फर्जी जमाबंदी, अब तत्कालीन CO और राजस्व कर्मचारी पर गिरेगी गाज

3.1kViews
1703 Shares
आरा
सदर अंचल में सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी कायम करने के मामले में दैनिक जागरण में गुरुवार को खबर प्रकाशित होने के बाद डीएम पूरी तरह से एक्शन में आ गए हैं। मामले पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने एडीएम डॉ. शशि शेखर को अविलंब इस मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की अनुशंसा करने का निर्देश दिया है।
एडीएम से जांच और कार्रवाई की अनुशंसा तेजी से करने को कहा गया है। डीएम के इस आदेश के बाद सरकारी जमीन की फर्जीवाड़ा करने के मामले में शामिल पदाधिकारी, कर्मचारियों और अवैध लाभ लेने वालों में हड़कंप मच गया है।  मालूम हो आरा सदर अंचल में इस तरह के मामलों का खुलासा लगातर हो रहा है।

क्या है पूरा मामला?

तत्कालीन अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी की मिली भगत से करोड़ों रुपये मूल्य की सरकारी जमीन को लाखों रुपये के लेनदेन कर फर्जी जमाबंदी कायम कर दी जा रही है। यह मामला आरा शहर के मोती सिनेमा हाल के विपरीत राजेंद्र नगर मोहल्ला में स्थित जमीन से जुड़ा हुआ है।

इस बेशकीमती जमीन का खाता 1083 खेसरा 2380 और 2379, थाना नम्बर 237 है। इसके खतियान पर नजर डाले तो यह जमीन गैर मजरूआ किस्म की है। इस जमीन को किसी भी कीमत पर किसी निजी व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी कायम नहीं की जा सकती है। इसके बाद भी तत्कालीन सीओ राजकुमार ने वर्ष 2021 में पांच लोगों के नाम पर अवैध जमाबंदी कायम कर दी।
जिन लोगों के नाम पर जमाबंदी कायम की गई उनमें रंजीत बहादुर माथुर, इंद्रजीत बहादुर माथुर, किशोर चंद्र माथुर, गिरजा बहादुर माथुर और गिरिराज बहादुर माथुर सभी पिता स्व: श्याम बहादुर माथुर सभी बाबू बाजार के निवासी शामिल हैं। इतना ही नहीं, इन सभी के नाम पर फर्जी ढंग से अवैध जमाबंदी कायम होने के साथ ही वर्ष 2022 से इन जमीनों की खरीद बिक्री भी शुरू हो गई।

फर्जी जमाबंदी सफल रहने के बाद सीओ ने जमीन का बढ़ाया था रकबा

वर्ष 2021 में सबसे पहले फर्जी ढंग से तत्कालीन सीओ के द्वारा जमाबंदी की गई। इसके बाद किसी भी प्रकार से इस मामले का खुलासा नहीं होने के बाद अगले कदम के रूप में सीओ ने अपने मन से जमीन का रकबा भी बढ़ा दिया। खाता 1083 खेसरा 2380 में 2.818 डिसमिल और खेसरा 2379 में रकबा जीरो डिसमिल पहले से दिखाया गया था।

इसके बाद तत्कालीन सीओ ने खेसरा 2379 में जमीन का रकबा बढ़ाने के साथ दोनों खेसरा को एक में करके 5.3 डिसमिल रकबा अवैध ढ़ंग से दिखा दिया। अब इस जांच के बाद मामले का पूरा खुलासा होगा और दोषी पर बड़ी कार्रवाई होगी।

 

RELATED ARTICLES

ट्रंप के फैसले से बाजार में मची हलचल, मस्क, जुकरबर्ग, बेजोस सबको लगा बड़ा झटका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 1 अगस्त से 70 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू करने के फैसले का सीधा असर अमेरिकी...

चालू सत्र में खरीफ फसलों की बुवाई पिछले साल से अधिक होने का अनुमान: इक्रा

शोध फर्म इक्रा के मुताबिक चालू सत्र में खरीफ फसलों की बुवाई पिछले साल के स्तर से पर्याप्त अधिक हो सकती है। इक्रा ने...

भारत ने नहीं रोकी रूसी तेल की खरीद, ट्रंप के दावों को किया खारिज

भारत की प्रमुख तेल रिफाइनरियां अब भी रूस से कच्चे तेल की खरीद कर रही हैं, भले ही अमेरिका की ओर से दावा किया...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

ट्रंप के फैसले से बाजार में मची हलचल, मस्क, जुकरबर्ग, बेजोस सबको लगा बड़ा झटका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 1 अगस्त से 70 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू करने के फैसले का सीधा असर अमेरिकी...

चालू सत्र में खरीफ फसलों की बुवाई पिछले साल से अधिक होने का अनुमान: इक्रा

शोध फर्म इक्रा के मुताबिक चालू सत्र में खरीफ फसलों की बुवाई पिछले साल के स्तर से पर्याप्त अधिक हो सकती है। इक्रा ने...

भारत ने नहीं रोकी रूसी तेल की खरीद, ट्रंप के दावों को किया खारिज

भारत की प्रमुख तेल रिफाइनरियां अब भी रूस से कच्चे तेल की खरीद कर रही हैं, भले ही अमेरिका की ओर से दावा किया...

UPI लेनदेन जुलाई में 19.47 अरब के रिकॉर्ड स्तर पर

लोकप्रिय एकीकृत भुगतान मंच (यूपीआई) के माध्यम से जुलाई में लेनदेन की संख्या 19.47 अरब के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान...

Recent Comments