एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक प्रो. अजय सिंह के अनुसार परजीवी जुड़वां एक अत्यंत दुर्लभ चिकित्सा स्थिति है, जिसमें जुड़वां भ्रूणों में से एक का विकास गर्भ में रुक जाता है और वह पूरी तरह से अपने विकसित जुड़वां पर निर्भर हो जाता है।

बच्ची की जान को हो गया था खतरा

यह स्थिति बच्ची के लिए शारीरिक तकलीफ के साथ जान का खतरा भी बन चुकी थी। एम्स में विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों ने गहन मंथन के बाद सर्जरी का जोखिम लिया। तीन अप्रैल को सर्जरी की गई। बच्ची अब स्वस्थ है और धीरे-धीरे सामान्य जीवन की ओर लौट रही है।