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गोरखपुर
रेलवे स्टेशन परिसर और ट्रेनों में यात्रियों का मोबाइल फोन सहित अन्य सामान चुराने वाली एक महिला सहित पांच लोगों को जीआरपी ने गिरफ्तार किया। पकड़े गए लोगों में तीन बाल अपचारी हैं, जो यात्रियों की जेब से माेबाइल फोन चुराकर बड़े शातिरों को दे देते हैं।
संदेह होने पर भी यात्री उनको बच्चा समझकर छोड़ देते हैं। जीआरपी थाना प्रभारी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि शातिरों से पूछताछ में जो जानकारी मिली है। उसके आधार पर आगे की जांच की जा रही है। उनके पास से एक लाख कीमत का मोबाइल फोन मिला है।
एसपी जीआरपी संदीप कुमार मीना ने पुलिस टीमों को लगातार भ्रमणशील रहकर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
रेलवे स्टेशन, सर्कुलेटिंग एरिया और ट्रेनों में अपराधों की रोकथाम के लिए बुधवार को पुलिस टीम निकली। इस दौरान घड़ी गेट के सामने इंजन के पास जीआरपी को देखकर कुछ लोग भागने लगे। टीम ने उनको पकड़कर जेब की तलाशी ली। तो चोरी के मोबाइल फोन मिले।
पूछताछ में उनकी पहचान तिवारीपुर थाना क्षेत्र के माधोपुर वार्ड नंबर-13 में रहने वाले अली और उसके तीन अन्य नाबालिग सहयोगियों के रूप में हुई। छानबीन के बाद उनके पास से पुलिस ने चोरी का सात मोबाइल फोन बरामद किया। एक अन्य टीम ने रेलवे स्टेशन के गेट नंबर एक के पास बैठी एक महिला को चोरी के मोबाइल फोन संग पकड़ा।
वह संतकबीर नगर जिले के बखिरा की रहने वाली है। वह महिलाओं के बीच में बैठकर ट्रेनों का इंतजार करने के बहाने चोरी करती है। गोरखपुर से चोरी मोबाइल फोन को संत कबीर नगर में ले जाकर बेच देती है। इससे जो रुपया उसे मिलता है। उसी से अपना खर्च चलाती है
सो रहे यात्रियों को निशाना बनाते शातिर
पूछताछ में सामने आया कि प्लेटफार्म और ट्रेनों में सो रहे यात्रियों को चोर ज्यादातर निशाना बनाते हैं। उनका मोबाइल फोन चुराकर दूसरी बाेगी में घुस जाते हैं। अपने बचाव के लिए दूसरे साथी को मोबाइल फोन दे देते हैं। इस बीच ट्रेन रुकने पर वह आराम से उतर जाते हैं। भीड़ अधिक होने पर यात्रियों की जेब से भी मोबाइल फोन चुरा लेते हैं।
चोरी का मोबाइल फोन सस्ते दामों में चुराकर बेचते हैं। बुधवार को रेलवे स्टेशन पर चोरी के इरादे से पहुंचे। तभी पुलिस ने उनको दबोच लिया। जीआरपी का दावा है कि इससे मोबाइल चोरी की घटनाओं की रोकथाम करने में मदद मिलेगी।