भारत की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ लिमिटेड दिल्ली- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और मुंबई में पहले से पेश हो चुकी अपनी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 23,500 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। एक निवेशक की प्रस्तुति के अनुसार, पेश की गई सभी परियोजनाओं को पूरा करने की ‘कुल लंबित लागत’ करीब 23,500 करोड़ रुपए है। अपने लंबित निर्माण खर्च को पूरा करने के बारे में डीएलएफ ने बताया कि कंपनी के पास 10,429 करोड़ रुपए का नकद शेष है, जिसमें से 7,782 करोड़ रुपए रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) के ‘एस्क्रो’ खाते में जमा हैं। इसके अलावा, कंपनी को अपने ग्राहकों को बेची गई आवासीय संपत्तियों के बदले उनसे 37,220 करोड़ रुपए भी मिले।
बाजार विश्लेषकों के साथ हाल ही में एक कॉन्फ्रेंस कॉल में डीएलएफ समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) ने बताया था कि कंपनी ने इस साल की पहली तिमाही में निर्माण क्षेत्र में लगभग 750 करोड़ रुपए का निवेश किया है। उन्होंने कहा कि आने वाली तिमाहियों में यह राशि थोड़ी बढ़ेगी।
चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए, डीएलएफ ने 20,000-22,000 करोड़ रुपए की बिक्री बुकिंग का अनुमान लगाया है। यह इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही 11,425 करोड़ रुपए की संपत्तियां बेच चुकी है। डीएलएफ समूह मुख्य रूप से आवासीय संपत्तियों की बिक्री और वाणिज्यिक एवं खुदरा संपत्तियों को पट्टे पर देने के व्यवसाय में है।