कंबोडिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। अमेरिकी नेता ने दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र द्वारा हाल ही में हुए सशस्त्र संघर्ष में थाईलैंड के साथ युद्धविराम पर सहमत न होने पर व्यापार समझौतों को रोकने की धमकी दी थी।
कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट द्वारा आज नॉर्वेजियन नोबेल समिति को लिखे एक पत्र में कहा गया है कि वह ‘‘विश्व शांति को आगे बढ़ाने में उनके ऐतिहासिक योगदान के सम्मान में” ट्रम्प को नामित करना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंबोडिया और थाईलैंड के बीच पिछले महीने पांच दिनों तक युद्ध चला, जिसमें कम से कम 43 लोग मारे गए। क्षेत्रीय विवाद सीमा पार युद्ध में बदल गया।
छोटे हथियारों से शुरू हुए इस संघर्ष में तीन लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए। यह संघर्ष जल्द ही भारी तोपखाने और रॉकेट हमलों में बदल गया, और कुछ ही घंटों बाद थाईलैंड ने हवाई हमलों के लिए एक एफ-16 लड़ाकू विमान तैनात कर दिया।अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार ट्रम्प के फोन कॉल्स तथा मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम – दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के क्षेत्रीय ब्लॉक के अध्यक्ष – और चीनी वार्ताकारों के एक प्रतिनिधिमंडल की मध्यस्थता के बाद पिछले सप्ताह युद्धविराम शुरू हुआ। इससे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने अमेरिका राष्ट्रपति को नोबेल शांति पुरस्कार नामित किया था।
नोबेल शांति पुरस्कार
नोबेल शांति पुरस्कार ऐसे व्यक्ति या संगठन को दिया जाता है जिसने ‘राष्ट्रों के बीच भाईचारे को बढ़ावा दिया हो।’ ट्रंप का नॉमिनेशन इजराइल और पाकिस्तान की ओर से पहले ही किया जा चुका है। लेकिन इसके पीछे व्हाइट हाउस द्वारा उनकी भू-राजनीतिक सौदेबाजी को समझा जा रहा है।
चान्थोल ने कहा कि ट्रंप के हस्तक्षेप के बिना, कंबोडिया और थाईलैंड के बीच लड़ाई को खत्म करने के लिए संभवतः कोई समझौता नहीं हो पाता, जिसमें विवादित सीमा के दोनों ओर कम से कम 45 लोग मारे गए. बता दें इस विवादित सीमा को फ्रांस द्वारा खीचा गया था, जब उन्होंने इन दोनों देशों को अपने कब्जे से आजाद करा था।