चीन ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ के खिलाफ भारत का समर्थन किया है। चीन के दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा, “भारत की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं होगा और उसकी विदेश नीति के फैसले किसी और देश द्वारा नियंत्रित नहीं किए जा सकते, चाहे उनके भारत से कितने भी मजबूत संबंध क्यों न हों।”
पोस्ट में चीन के दूतावास के प्रवक्ता ने एक फोटो भी शेयर किया, जिसमें हाथी (भारत का प्रतीक) और बेसबॉल बैट (अमेरिकी टैरिफ का प्रतीक) दिखाया गया है। इसके अलावा, प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिमी मीडिया भारत और चीन को टैरिफ विवाद के केंद्र में रखकर एक कहानी बना रही है कि “कौन किसकी जगह लेगा,” जो कि पूरी तरह से गलत है और इसका कोई ठोस आधार नहीं है।
चीन के दूतावास ने आगे कहा, “आज के जटिल माहौल में दोनों देशों के लिए यह बेहतर होगा कि वे भरोसा बढ़ाएं, मतभेदों को संभालें, सहमति बनाएं, सहयोग बढ़ाएं और एशिया एवं विश्व में शांति को प्रोत्साहित करें।”
अमेरिका-भारत व्यापार तनाव बढ़ा: 50% टैरिफ लागू
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत भारत से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया गया। इससे पहले से ही भारत पर 25% टैरिफ था, जो अब कुल 50% हो गया है। यह कदम भारत पर रूस से तेल आयात करने के आरोप में लिया गया है। यह नया टैरिफ तीन सप्ताह के अंदर प्रभावी हो जाएगा।
चीन पर टैरिफ न लगाने की वजह क्या है?
ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नेवारो ने 7 अगस्त को बताया कि चीन पर टैरिफ न लगाने की वजह यह है कि अमेरिका पहले से ही चीन पर 50% से ज्यादा टैरिफ लगा चुका है। वे बोले, “जैसा बॉस ने कहा है, देखते हैं क्या होता है। हमें चीन पर ज्यादा टैरिफ लगाने से बचना है क्योंकि इससे हमें खुद नुकसान हो सकता है।”