Sunday, August 3, 2025
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Medicines Prices Cut : 60 दिन में घटाओ दवा के दाम वरना कार्रवाई तय! ट्रंप की फार्मा कंपनियों को दो टूक चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्लोबल फार्मा कंपनियों को जोरदार झटका दिया है। ट्रंप ने सीधे तौर पर 17 दवा कंपनियों के प्रमुखों को पत्र लिखकर 60 दिनों का अल्टीमेटम दे डाला है – दवाओं की कीमतें घटाओ, वरना सरकार कार्रवाई करेगी। इस कदम से अमेरिका ही नहीं, ग्लोबल बाजार में दवा उद्योग और शेयर बाजारों में भी हलचल मच गई है।

किन कंपनियों को मिली चेतावनी?
इस पत्र में जिन दिग्गज कंपनियों को निशाने पर लिया गया है, उनमें शामिल हैं:
Johnson & Johnson
Merck & Co
AstraZeneca
Sanofi
Eli Lilly
Regeneron
…और कई अन्य टॉप फार्मा कंपनियां।

 शेयर बाजार में मची हलचल
ट्रंप के इस ऐलान के बाद, दवा और हेल्थकेयर कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई:
निफ्टी फार्मा इंडेक्स 3.5% तक टूटा।
मेटल और ऑयल कंपनियों के स्टॉक्स भी लुढ़के।
अमेरिका के कुछ निर्णयों से भारतीय टेक्सटाइल स्टॉक्स को भी झटका लगा।

  ट्रंप का तर्क: अमेरिका में दवाएं क्यों इतनी महंगी?
ट्रंप ने अपने पत्र में कहा कि अमेरिकी नागरिकों को वही दवाएं तीन गुना दाम में मिल रही हैं जो बाकी विकसित देशों में सस्ते में बिकती हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब अमेरिका में दवाएं उन्हीं कीमतों पर बेची जानी चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय हैं।

60 दिन की डेडलाइन
ट्रंप ने कंपनियों को 29 सितंबर तक जवाब देने को कहा है। अगर तय समय में कोई बदलाव नहीं हुआ तो अमेरिका में नई दवा टैरिफ नीति लागू हो सकती है, जिससे कंपनियों पर भारी टैक्स लगाया जाएगा।

 अमेरिका में बने तो ठीक, बाहर से आए तो टैरिफ तय!
ट्रंप की मंशा स्पष्ट है — विदेशों में मुनाफा कमाकर अमेरिकी मरीजों से वसूली बंद हो। अमेरिका में प्लांट न लगाने वाली फार्मा कंपनियों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की तैयारी है।

  क्या असर होगा भारत पर?
भारत की फार्मा कंपनियों के लिए यह खबर दोधारी तलवार जैसी है। एक ओर अगर अमेरिका में विदेशी दवाएं महंगी होती हैं, तो भारतीय जेनेरिक दवाओं की डिमांड बढ़ सकती है। लेकिन अमेरिकी नियम कड़े हुए तो भारतीय कंपनियों को व्यापारिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

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