रूस में प्राकृतिक आपदाओं का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। जहां बुधवार को कामचटका प्रायद्वीप और कुरिल द्वीपों में रिकॉर्ड 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया, वहीं गुरुवार को कुरिल आइलैंड्स पर फिर 6.5 तीव्रता का नया भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, गुरुवार सुबह भारतीय समयानुसार 10:57 बजे आया यह भूकंप जमीन से महज 10 किलोमीटर की गहराई में था, जिससे झटके और ज्यादा खतरनाक साबित हुए।बुधवार को आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के झटके दुनिया के सबसे ताकतवर भूकंपों में शामिल हो गए हैं। इसके बाद रूस, जापान, चीन और अमेरिका तक सुनामी की ऊंची लहरें पहुंचीं। रूस में इन लहरों की ऊंचाई करीब 4 मीटर और अमेरिका में 1 मीटर दर्ज की गई। इतना ही नहीं, कामचटका प्रायद्वीप पर भूकंप के कुछ घंटे बाद ही क्लूचेवस्काया सोपका नामक सक्रिय ज्वालामुखी भी फट गया। इसने करीब 3 किलोमीटर ऊंचाई तक राख का गुबार छोड़ा। रूसी विज्ञान अकादमी के अनुसार, पिछले कई दिनों से इस ज्वालामुखी में हलचल देखी जा रही थी।यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, मुख्य झटके के बाद बीते 16 घंटों में क्षेत्र में 125 से ज्यादा आफ्टरशॉक्स दर्ज किए गए हैं। इनमें से तीन आफ्टरशॉक्स की तीव्रता 6.0 से ऊपर रही। बुधवार सुबह 11 बजे के करीब 6.4 तीव्रता का एक बड़ा आफ्टरशॉक भी आया। भूकंप के दौरान रूस के कई अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटर हिलते रहे, फिर भी डॉक्टरों ने सर्जरी जारी रखी। वहीं जापान के तटों पर कई व्हेलें बहकर आ गईं। फिलहाल किसी बड़े नुकसान या जान-माल के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन वैज्ञानिकों ने आफ्टरशॉक्स और ज्वालामुखी विस्फोट से और खतरे की आशंका जताई है।
रूस में फिर भूकंप: 16 घंटे में 125 से ज्यादा झटकों बाद फटा ज्वालामुखी,भीषण तबाही का खतरा!
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