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नई दिल्ली। तेलंगाना सरकार जातिवार गणना के बाद अब पिछड़ापन सूचकांक तैयार करने जा रही है। राज्य के विशेषज्ञ कार्य समूह ने जातिवार सर्वेक्षण से मिले आंकड़ों के आधार पर 243 उप-जातियों के बीच असमानताओं को आंकने के लिए अपनी तरह का पहला ‘समग्र पिछड़ापन सूचकांक’ तैयार करने का निर्णय लिया है।
चर्चा और विश्लेषण के लिए यहां बैठक की
तेलंगाना की कांग्रेस सरकार की ओर से गत सात मार्च को जस्टिस सुदर्शन रेड्डी (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ कार्य समूह ने जातिवार सर्वेक्षण के तहत जुटाए गए आंकड़ों पर चर्चा और विश्लेषण के लिए यहां बैठक की।
यह सर्वेक्षण सामाजिक शिक्षा रोजगार आर्थिक राजनीतिक जाति सर्वे 2024 के तहत आंकड़ों का अध्ययन और विश्लेषण करने के लिए तैयार किया गया था। यह सर्वेक्षण 3.55 करोड़ लोगों का एक व्यापक अध्ययन है, जिसमें सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और जीवन के विभिन्न पहलुओं की जानकारी शामिल है।
शेषज्ञ समूह 43 मानकों का उपयोग करेगा
कार्य समूह के संयोजक प्रवीण चक्रवर्ती ने बताया कि सूचकांक के लिए विशेषज्ञ समूह 43 मानकों का उपयोग करेगा, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विभाजित हैं। इन मानकों में सामाजिक, शिक्षा, जीवन स्तर, व्यवसाय, आय, चल और अचल संपत्तियों और बैंकिंग एवं वित्त तक पहुंच शामिल हैं।