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इंदौर
मध्य प्रदेश की इंदौर खंडपीठ के न्यायमूर्ति दुपल्ला रमन ने कहा कि मेरी पत्नी गंभीर रूप से बीमार हैं। मुझसे ट्रांसफर के विकल्प मांगे गए थे। मैंने कर्नाटक चुना था, ताकि पत्नी का बेहतर इलाज हो सके, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया।
एक नवंबर 2023 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पद संभालने के बाद मैंने 19 जुलाई 2024 को पत्नी के उपचार के लिए ट्रांसफर मांगते दोबारा आवेदन दिया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोई निर्णय नहीं लिया।
फेयरवेल कार्यक्रम में रमन ने बोली ये बात
रमन ने आगे कहा, मुझे उम्मीद थी कि मानवता के नाते और मेडिकल ग्राउंड पर निर्णय लिया जाएगा। चीफ जस्टिस आफ इंडिया इस पर निर्णय ले सकते हैं, लेकिन अब देर हो चुकी है। यह बात न्यायमूर्ति दुपल्ला वैंकट रमन ने मंगलवार को अपने फेयरवेल कार्यक्रम में कही।
‘भगवान भूलता नहीं, न ही माफ करता’
दरअसल, वह आगामी दो जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, लेकिन उन दिनों न्यायालयों में ग्रीष्मावकाश रहने की वजह से मंगलवार को ग्रीष्मावकाश से पहले अंतिम कार्य दिवस पर उनका फेयरवेल रखा गया था। न्यायमूर्ति ने बगैर किसी का नाम लिए कहा कि गलत इरादे से केवल मुझे परेशान करने के लिए मेरा ट्रांसफर मध्य प्रदेश में किया गया था। मैं इस बात से खुश हूं कि जिन्होंने ऐसा किया था, मैं उनके अहंकार को संतुष्ट कर पाया। अब भले ही वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन भगवान भूलता नहीं है और न ही माफ करता है।
इस मौके पर इंदौर खंडपीठ में पदस्थ सभी न्यायमूर्तिगण के अलावा जबलपुर और ग्वालियर खंडपीठ में पदस्थ न्यायमूर्ति भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग से शामिल हुए।