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गाजियाबाद
मधुबन बापूधाम योजना से प्रभावित किसानों को करीब डेढ़ दशक बाद प्लॉट मिलने का रास्ता साफ हो गया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की 169वीं बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को चर्चा के बाद मंजूरी दी गई। इस योजना के लिए 800 एकड़ और 281 एकड़ जमीन देने वाले 1,063 किसान शामिल हैं।
मुआवजे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे किसान
जीडीए ने मधुबन बापूधाम योजना के लिए 800 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया। बाकी 281 एकड़ जमीन के किसान बढ़े मुआवजे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। जीडीए ने सुप्रीम कोर्ट से साल 2016 में निर्णय आने के बाद नए भू अधिग्रहण कानून के तहत 281 एकड़ जमीन का किसानों को मुआवजा देते हुए जमीन का अधिग्रहण किया था।
बोर्ड बैठक में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के संशोधित लेआउट का प्रस्ताव को मंजूरी मिली। इसमें 800 एकड़ जमीन वाले किसानों को 6 प्रतिशत और 281 एकड़ वाले 301 किसानों को कोर्ट के आदेश के बाद 20 प्रतिशत विकसित प्लॉट दिया जाएगा।
श्मशान व कब्रिस्तान के निकट नहीं दूसरी जगह मिलेगा प्लॉट
मधुबन बापूधाम योजना में श्मशान के निकट आवंटी को प्लॉट अब दूसरे स्थान पर दिया जाएगा। जीडीए की बोर्ड बैठक में मानचित्र में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।
बता दें कि वर्ष 2011 में जीडीए ने यहां विभिन्न पाकेट में 1,863 प्लॉटों की योजना निकालीं। प्रक्रिया के आधार पर 373 आवंटियों को श्मशान और कब्रिस्तान के पास प्लॉट आवंटित किए। आवंटियो ने इस पर आपत्ति जताते हुए दूसरी जगह प्लॉट की मांग की।
संपत्ति, अभियंत्रण व नियोजन अनुभागों ने इसकी योजना बनाते हुए योजना का लेआउट तैयार किया, जिसका प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा गया, जिसे मंजूरी मिलने के साथ ही आवंटियो को जल्द प्लॉट मिलने का रास्ता साफ हो गया है।