गिरोह के सरगना अभिनव त्रिपाठी उर्फ आयुष के पास पहले से एक टाटा सफारी थी, जो कुछ समय पहले दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी थी। इसके बाद उसने ओएलएक्स पर अपनी गाड़ी जैसी रंग और मॉडल की सफारी देखी और साथियों संग उसे चुराने की योजना बना डाली।
टेस्ट ड्राइव के बहाने डुप्लीकेट चाभी बनवाकर चोरी करने के बाद अपनी दुर्घटनाग्रस्त सफारी को कबाड़ में बेच दिया और उसकी नंबर प्लेट चुराई गई गाड़ी पर लगाकर आराम से चलाने लगे, ताकि कोई पहचान न सके।