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बिजनौर
नोएडा एसटीएफ ने रेहड़ पुलिस के साथ गुरुवार रात हरिद्वार-काशीपुर नेशनल हाईवे स्थित मां जगदंबा ढाबे पर छापेमारी कर टैंकर से एथेनाल चुराने वाले तीन लोगों को पकड़ा। टीम ने टैंकर में भरा 20 हजार लीटर एथेनाल, 760 लीटर अपमिश्रित शराब और तीन कारें भी मौके से बरामद की। एसटीएफ इंस्पेक्टर की ओर से सात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
नोएडा एसटीएफ के इंस्पेक्टर सचिन कुमार के नेतृत्व में टीम ने थाना रेहड़ पुलिस के साथ हाईवे पर मां जगदंबा ढाबे पर गुरुवार देर रात करीब 11 बजे छापेमारी की। मौके से ढाबा संचालक सुनील कुमार पुत्र गैंदा सिंह निवासी गांव दौलावा थाना डिलारी मुरादाबाद और दो अन्य आरोपित टैंकर चालक गुड्डू पुत्र मजीद निवासी मुढिया पिस्तौर थाना बाजपुर, जिला ऊधम सिंह नगर उत्तराखंड और राम सिंह पुत्र नरपत सिंह निवासी निबादखास, थाना भगतपुर, मुरादाबाद को गिरफ्तार किया।
टीम ने मौके से 20 हजार लीटर एथेनाल(रेक्टीफाइड स्प्रिट) से भरा एक टैंकर और 19 केन में 760 लीटर अपमिश्रित शराब बरामद की गई। एसटीएफ इंस्पेक्टर सचिन कुमार की तहरीर पर थाना पुलिस ने उक्त तीनों आरोपितों के अलावा सुखविंद्र उर्फ सेठी निवासी गांव बोरिया, कैलाखेड़ा, ऊधम सिंह नगर उत्तराखंड, शाहिद, भूप सिंह और रंधावा निवासीगण रेहड़ के खिलाफ आबकारी अधिनियम व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने तीनों आरोपितों को न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया है।
एथेनाल चोरी कर अवैध शराब बनाते थे
एसटीएफ इंस्पेक्टर सचिन कुमार व थाना प्रभारी रेहड़ विकास कुमार के मुताबिक कुछ दिनों पहले नोएडा में अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई थी। जांच में सामने आया कि शराब बनाने के लिए आरोपित उत्तराखंड के काशीपुर स्थित आईजीएल कंपनी के प्लांट से दवाई कंपनियों को भेजा जाने वाला एथेनाल चुराकर नोएडा लाकर शराब बनाते हैं। जगदंबा ढाबे का संचालक सुनील कुमार रुपयों के लालच में अपने ढाबे पर टैंकर रुकवाकर चोरी कराता था। आरोपित टैंकर से 40 लीटर वाली केन में एथेनाल चोरी करते थे।
पहले भी बदनाम रहा है ढाबा
पुलिस के मुताबिक एसटीएफ ने जिस ढाबे पर छापा मारा, उसका संचालक पहले भी अवैध कार्यों के लिए बदनाम रहा। यह ढाबा उत्तराखंड के थाना जसपुर के गांव अंगदपुर निवासी लियाकत हुसैन का है, लेकिन सुनील कुमार निवासी डिलारी ने ठेके पर ले रखा है। सुनील नकली शराब बनाने वाले माफिया से सांठगांठ रखता है। वह टैंकर से एथेनाल चोरी करता था। उसे प्रति केन की दर से 300 रुपये और टैंकर चालक को मोटी रकम दी जाती थी। ढाबे की आड़ में यह धंधा काफी दिनों से संचालित हो रहा था।