धड़ाधड़ तुर्किए की बुकिंग हो रहीं रद
वर्तमान में भारतीय पर्यटक इन दोनों देशों के लिए नई बुकिंग कराना तो दूर पहले से की गई बुकिंग को भी रद करा रहे हैं। टूरिस्ट कंपनियां भी नई बुकिंग नहीं ले रही हैं।
सुरक्षित विकल्पों को प्राथमिकता दे रहे लोग
ईजमाईट्रिप के अनुसार, तुर्किये की 22 प्रतिशत और अजरबैजान की 30 प्रतिशत बुकिंगग रद हो चुकी हैं। भारतीय पर्यटक अब जार्जिया, सर्बिया, ग्रीस, थाईलैंड और वियतनाम जैसे सुरक्षित विकल्पों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
ईजमाईट्रिप के सीईओ और सह-संस्थापक रिकान्त पिट्टी ने कहा कि युद्ध विराम के बाद की अनिश्चितताओं के कारण प्रभावित क्षेत्रों के लिए बुकिंग रोक दी गई है। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों की गैर-आवश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
भारतीय पर्यटक नुकसान उठाकर भी तुर्किये एयरलाइंस से दूरी बना रहे
भारतीय पर्यटक नुकसान उठाकर भी तुर्किये एयरलाइंस से दूरी बना रहे हैं। द इंडिजिनस फेडरेशन आफ टूरिज्म इंटेग्रिटी (टीफ्टी) के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि लंबी दूरी के मामले में हवाई किराए में बड़ा अंतर है।
लुधियाना से हर वर्ष लगभग 5000 लोग तुर्किये की यात्रा के लिए बुकिंग करते थे
तुर्किये एयरलाइंस से फिनलैंड का हवाई किराया 70,500 रुपये है, जबकि अन्य एयरलाइंस से यह एक लाख 3,500 रुपये है, फिर भी लोग दूसरी एयरलाइंस से बुकिंग करा रहे हैं। लुधियाना से हर वर्ष लगभग 5000 लोग तुर्किये की यात्रा के लिए बुकिंग करते थे, लेकिन अब सभी ने अपने टूर रद कर दिए हैं।
जालंधर और अमृतसर में भी यही स्थिति है। ट्रैवल एजेंटों के अनुसार, तुर्किये और अजरबैजान के लिए कोई नई बुकिंग नहीं की जा रही है। भारत में पर्यटन स्थलों की अपीलकई लोग अब तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा को रद कर देश में ही घूमने की योजना बना रहे हैं।
35 सदस्यों के साथ तुर्किये की बुकिंग रद
दक्षिणी दिल्ली निवासी रजिंदर सिंह एक ला फर्म के सह-संस्थापक हैं। उन्होंने अपनी टीम के 35 सदस्यों के साथ तुर्किये की बुकिंग रद कर दी है और अब देश में यात्रा की योजना बना रहे हैं। नए घटनाक्रम ने उन्हें सोचने पर मजबूर किया है कि विदेश जाने की बजाय अपने देश के पर्यटन स्थलों को क्यों न बढ़ावा दें।
व्यापारिक बहिष्कार पर आज निर्णय लेगा कैट
फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने तुर्किये और अजरबैजान के साथ व्यापार बंद करने पर निर्णय लेने के लिए शुक्रवार को दिल्ली में बैठक बुलाई है।
कैट के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि जो भी देश भारत के खिलाफ है, उसके साथ व्यापार करने का कोई सवाल नहीं है। उन्होंने बताया कि भारत से तुर्किये को कई प्रमुख वस्तुएं निर्यात होती हैं, जबकि तुर्किये से भारत को कच्चा पेट्रोलियम, मशीनरी, और अन्य वस्तुएं आयात होती हैं।
मुस्लिम संगठनों ने भी बहिष्कार का किया समर्थन
मुस्लिम संगठनों ने भी बहिष्कार का फैसला किया है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) और आल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन (एआइआइओ) ने कहा है कि तुर्किये और अजरबैजान ने पाकिस्तान का समर्थन किया है, इसलिए सभी देशवासियों को एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए।
पंजाब के व्यापारी नहीं करेंगे एक्सपोर्ट
पंजाब के व्यापारियों ने भी तुर्किये को हर वर्ष 500 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट न करने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि देश की एकता उनके लिए सर्वोपरि है, और वे इस घाटे को सहन करने के लिए तैयार हैं।
पंजाब से तुर्किये को 173 उत्पादों का निर्यात किया जाता है, जिसमें एंटीबायोटिक दवाएं, ट्रैक्टर, टायर ट्यूब, प्लास्टिक, स्टील उत्पाद, यार्न और ऑटो पार्ट्स शामिल हैं।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन (फियो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा कि तुर्किये की कायराना हरकतों के खिलाफ देशभर में गुस्सा है। इसे देखते हुए तुर्किये के साथ कोई व्यापार नहीं किया जाएगा।
तुर्किये के साथ व्यापार
खनिज ईंधन और तेल, विद्युत मशीनरी और उपकरण, वाहन और उनके कलपुर्जे, कार्बनिक रसायन, फार्मास्यूटिकल उत्पाद, टैनिंग और रंगाई की वस्तुएं, प्लास्टिक, रबड़, कपास, मानव निर्मित फाइबर, लोहा और इस्पात, मशीनरी, पत्थर, प्लास्टर, तिलहन, कीमती पत्थर, ताजे सेब आदि।
विभिन्न प्रकार के मार्बल (ब्लाक और स्लैब), ताजा सेब, सोना, सब्जियां, चूना और सीमेंट, खनिज तेल, रसायन, प्राकृतिक या संवर्धित मोती, लोहा और इस्पात, फ्लैट स्टील उत्पाद, प्लास्टिक, टेक्सटाइल, मशीनरी।
अजरबैजान के साथ व्यापार
तंबाकू और उसके उत्पाद, चाय, काफी, अनाज, रसायन, प्लास्टिक, रबड़, कागज और पेपर बोर्ड, सिरेमिक उत्पाद।
कच्चा तेल, पशु चारा, जैविक रसायन, आवश्यक तेल और परफ्यूमरी, कच्ची खालें और चमड़ा