संघर्ष विराम में अमेरिका की भूमिका पर भी सवाल
पार्टी के कई नेताओं ने इस मौके पर 1971 के युद्ध में भारत की जीत का जिक्र करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व और साहस को याद किया। विपक्षी पार्टी ने संघर्ष विराम में अमेरिका की भूमिका पर भी सवाल उठाया।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा-संघर्ष विराम को लेकर अभूतपूर्व घोषणाओं के मद्देनजर अब जरूरी है कि प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करें और राजनीतिक दलों को विश्वास में लें।
संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए- कांग्रेस
अब पहले से कहीं ज्यादा इस बात की जरूरत है कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए, जिसमें पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले से लेकर आगे की रणनीति तक पिछले 18 दिनों की घटनाओं पर चर्चा की जाए और सामूहिक संकल्प प्रदर्शित किया जाए।
जयराम ने एक अन्य पोस्ट में कहा- यह प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का 12 दिसंबर, 1971 को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को लिखा गया ऐतिहासिक पत्र है। चार दिन बाद पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि कोई तटस्थ स्थल न हो, जिस पर अब सहमति बन गई है।
केसी वेणुगोपाल ने भी इंदिरा गांधी को याद किया
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी इंदिरा गांधी को याद किया। उन्होंने निक्सन के प्रति इंदिरा गांधी की टिप्पणी को उद्धृत करते हुए लिखा-एक विकासशील देश होने के नाते, हमारी रीढ़ मजबूत है। सभी अत्याचारों से लड़ने के लिए पर्याप्त इच्छाशक्ति और संसाधन हैं। वह समय बीत चुका है जब तीन-चार हजार मील दूर का कोई भी देश भारतीयों को आदेश दे सकता था। भारत आज इंदिराजी को बहुत याद करता है।
भारत हमेशा शांति और बातचीत के लिए तैयार रहा है- शरद पवार
राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि भारत हमेशा शांति और बातचीत के लिए तैयार रहा है। अगर उस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं, तो उनका स्वागत है। हालांकि, आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सामूहिक कर्तव्य भी है।