भोपाल |
भोपाल में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कई हाउसिंग प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं। गंगानगर, 12 नंबर और बाग मुगालिया में अब तक मकान हैंडओवर नहीं किए जा सके हैं, जबकि मार्च 2025 से फ्लैट्स सौंपे जाने थे। यह मुद्दा विधानसभा में भी उठ चुका है। वहीं, मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग रैली निकालकर कलेक्टोरेट पहुंचे और मेन गेट पर ही सड़क पर बैठ गए, ताकि उनकी समस्या का जल्द समाधान हो सके।
दिसंबर 2025 तक मकान देने का वादा, लेकिन अधूरी तैयारियां
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि नगर निगम ने दिसंबर 2025 तक मकान देने का वादा किया है, लेकिन सभी लोगों को मकान मिलेंगे, इसकी संभावना कम है। क्योंकि, अब तक कई बिल्डिंग के स्ट्रक्चर भी खड़े नहीं हुए हैं।
‘हम अपना अधिकार मांगते हैं’ के नारे लगे
मंगलवार सुबह 11 बजे बड़ी संख्या में लोग कलेक्टोरेट के बाहर एकत्र हुए और ‘हम अपना अधिकार मांगते हैं’ जैसे नारों के साथ कलेक्टर ऑफिस पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों से गुहार लगाई कि जल्द से जल्द उन्हें उनके मकान सौंपे जाएं।
मकान नहीं मिलने से परेशानी बता दें कि मकान देने में देरी का सबसे ज्यादा असर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और मध्यम आय वर्ग परिवारों पर पड़ रहा है। लोग समय पर अपने घर पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि वे किराए, लोन और अन्य खर्चों में अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं।कमिश्नर का आश्वासन पूरा नहीं 12 नंबर बस स्टॉप, गंगानगर और बाग मुगलिया के हितग्राहियों ने पिछले साल अक्टूबर के महीने में नगर निगम कार्यालय का घेराव किया था। तब कमिश्नर हरेंद्र नारायण यादव ने हितग्राहियों की बैठक कर आश्वासन दिया था कि दिसंबर 2024, जनवरी 2025 और मार्च 2025 में पजेशन दे दिया जाए, लेकिन कमिश्नर के आश्वासन का कोई असर नहीं हुआ।
घर नहीं मिलने से दोहरा नुकसान उठा रहे लोग हितग्राही लोकेंद्र श्रीवास्तव, पवन शाक्य ने बताया, साल 2017 में नगर निगम ने बड़े-बड़े दावे कर फ्लैट्स की बुकिंग शुरू की थी। 2018 में मैंने 12 नंबर प्रोजेक्ट में आवास बुक कराया था। उस वक्त 18 माह में प्रोजेक्ट पूरा करने का दावा किया था, लेकिन 7 साल बाद भी आवास कब तक बनेंगे, ये खुद निगम अधिकारी नहीं बता पा रहे।
प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हुआ तो निगम ने ठेका कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर उसका टेंडर निरस्त कर दिया था, फिर नई कंपनी को टेंडर दिया गया है। इसके बावजूद अब तक घर हैंडओवर नहीं किया गया है। इस कारण बैंक लोन के साथ मकान का किराया भी चुका रहे हैं।
राजेंद्र जोशी ने बताया, 4 साल पहले गंगानगर प्रोजेक्ट में 29 लाख रुपए जमा करके फ्लैट बुक कराया था। निगम ने ‘पहले आओ, पहले पाओ’ का वादा भी किया था, लेकिन आज तक मकान नहीं मिला है। उम्मीद भी नहीं है कि जल्दी मकान मिलेगा। दूसरी ओर, परिवार किराये के मकान में रह रहा है। इससे हमारे ऊपर दोहरी मार पड़ रही है। किराया और बैंक की किश्त दोनों भर रहे हैं।
अब जानिए, कब-कब शुरू हुए प्रोजेक्ट 12 नंबर बस स्टॉप पर पीएम आवास योजना के तहत 2017 में प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी। दो साल में प्रोजेक्ट पूरा होना था। इस प्रोजेक्ट के तहत MIG 216, LIG 576 और EWS 1008 फ्लैट बनाए गए हैं। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 247 करोड़ है। निगम साल 2017 में ही बड़ा इवेंट कर इन फ्लैट्स की बुकिंग शुरू की थी।
शहर में कई प्रोजेक्ट, वे भी अधूरे नगर निगम के गंगानगर और बागमुगालिया समेत कई जगहों पर प्रोजेक्ट चल रहे हैं। पीएम आवास योजना के तहत मकान बन रहे हैं, लेकिन काम में लेटलतीफी आम लोगों पर भारी पड़ रही है। सालों पहले उन्होंने इस उम्मीद में फ्लैट्स या सिंगलेक्स मकान बुक कराए थे कि उन्हें जल्दी पजेशन मिल जाएगा, लेकिन कई जगहों पर प्रोजेक्ट को सालों बीत चुके हैं। बावजूद लोगों का अपने घर का सपना पूरा नहीं हो रहा है।
विधानसभा में उठा मुद्दा 21 मार्च को भोपाल दक्षिण-पश्चिम से विधायक भगवानदास सबनानी ने विधानसभा में ध्यान आकर्षण के जरिए गंगानगर प्रोजेक्ट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा था कि परिवार पहले से ही किराए के मकान में रह रहे हैं और बैंकों से लोन लेकर इस योजना में अपना आवेदन किया था। जिसके कारण उन्हें बैंक के ब्याज के साथ ही अपने मकान का किराया देकर दोहरी आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के एएचपी घटक के तहत गंगानगर प्रोजेक्ट में कुल 600 मकान प्रस्तावित हैं, जिसमें 240 ईडब्ल्यूएस, 144 एलआईजी और 216 एमआईजी आवास शामिल हैं। विधायक के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने दिसंबर-25 तक कार्य पूर्ण होकर आवास हैंडओवर करने की बात कही थी।