इंदौर |
इंदौर में एक स्ट्रीट डॉग के प्रति लोगों का प्रेम उमड़ा है। उसकी मौत के बाद लोगों ने विधि विधान से न सिर्फ उसका अंतिम संस्कार किया बल्कि शोक स्वरूप कॉलोनियों में श्रद्धांजलि के पोस्टर्स लगाए हैं। खास बात यह कि आज उसका हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार 13वें पर मृत्युभोज गया। जिसमें कॉलोनियों के सारे कुत्तों को भोज दिया जा रहा है।
मामला स्कीम 78, अरण्य नगर का है। यहां कई स्ट्रीट डॉग्स हैं। यहां के रहवासियों और दुकानदारों को इनमें से एक कालू नामक कुत्ते से बहुत लगाव था। दरअसल, वह बहुत समझदार था, वह क्षेत्र में बाहरी व्यक्ति के आने पर लोगों को दिन-रात अलर्ट करता था। बचपन से ही वह रहवासियों के बीच रहा और सबका चहेता था। उसे सारे रहवासी और दुकानदार रोज सुबह-शाम खाना देते थे।
प्राइवेट वेटरनरी हॉस्पिटल में कराया इलाज
उसकी उम्र करीब 14 साल थी और पिछले माह वह बीमार हो गया। इसी दौरान एक दुर्घटना में वह घायल भी हो गया। इस पर रहवासियों ने उसे प्राइवेट वेटरनरी हॉस्पिटल में दिखाया। डॉक्टरों ने उसे कई तरह की तकलीफें बताईं। साथ ही उसकी उम्र भी हो चुकी थी। वहां उसे चार दिनों तक ड्रिप चढ़ाई गई और इंजेक्शन दिए गए। रहवासी-दुकानदार रोज उसे अपने वाहन में ले जाते और फिर अपने पास बैठा लेते थे। फिर भी उसकी हालत में कोई खास सुधार नहीं हुआ और 23 अप्रैल को मौत हो गई।
श्रद्धांजलि पोस्टर्स में साथी कुत्तों के फोटो
कालू की मौत के बाद कॉलोनी में लोगों के बीच शोक व्याप्त हो गया जबकि उसके दूसरे साथी (कुत्ते) भी उसे न देखकर मायूस हो गए। रहवासियों को उसकी कमी खलने लगी। इस बीच उन्होंने श्रद्धांजलि स्वरूप उसके पोस्टर्स तैयार कराए। उसके बड़े फोटो के साथ श्रद्धांजलि देने वाले अन्य कुत्तों के फोटो लगाए। यह पोस्टर्स कॉलोनी में जगह-जगह लगाए गए। साथ ही श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की गई।
कालू के रहते कभी नहीं हुई चोरी
रहवासी विजयेंद्र शर्मा ने बताया कि वह स्ट्रीट डॉग होते हुए भी किसी पर हमला नहीं करता था। उसके जाने से सभी काफी दुखी हैं। कालू के रहते लोग रात को निश्चिंत होकर सोते थे। कभी यहां चोरी नहीं हुई। धनराज राजलवाल ने बताया कि आज उसका विधिवत मृत्यु भोज करवाया गया।
रहवासी कल्पना बेलपत्र का यहां घर होने के साथ ब्यूटी पॉर्लर है। उन्हें भी कुत्तों से बहुत प्रेम है। कालू और अन्य कुत्तों हमेशा गर्मी में दिन में उनके पॉर्लर में ही रहते थे। कालू ऐसा था जो सभी स्ट्रीट डॉग्स में सबसे बड़ा था। हर जगह चला जाता था इस कारण हरेक को उससे प्रेम था। वह एक तरह से यहां लोगों के लिए बिना पैसा का विजिलेंस था।
मृत्यु भोज के बाद कालू की याद में पौधरोपण
दुकानदार कैलाश माहेश्वरी ने बताया कि तेरहवें की रस्म में शोकसभा-श्रद्धांजलि का कार्यक्रम हुआ। इसमें जितने भी दुकानदार और रहवासी जिनका वह खास था सभी को आमंत्रित किया गया है। इसके साथ ही कालू के सभी स्ट्रीट डॉग्स को मृत्यु भोज कराया गया। इसमें उन्हें दूध, रोटी, पनीर, जलेबी, पेडेग्री, दही, छाछ आदि परोसे गए। इसमें बॉइल अण्डे विशेष रूप के परोसे गए। हम उसकी वफादारी को भूल नहीं सकते। उसकी याद में दुकानदार और रहवासी आज तेरहवें के कार्यक्रम के बाद पौधरोपण करेंगे।