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नई दिल्ली
जापानी दूतावास की एक अधिकारी से यौन उत्पीड़न के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से बर्खास्त किए गए प्रोफेसर स्वर्ण सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है। उन पर पहले भी यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के आरोप लगते रहे हैं। आंतरिक शिकायत निवारण समिति की जांच में उनके पुराने मामले सामने आए थे।
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा, नवीनतम आरोप जापानी दूतावास की एक अधिकारी द्वारा लगाया गया है, जो प्रोफेसरों के साथ मिलकर शैक्षणिक कार्यक्रमों का समन्वय करती थीं। यह मामला यौन उत्पीड़न से संबंधित है। लंबी जांच के बाद कार्यकारी परिषद ने कड़ी कार्रवाई की है। प्रो. सिंह को बिना बेनिफिट्स बर्खास्त किया गया है। इसका आशय है संस्थान में दी गई सेवाओं का उन्हें लाभ नहीं मिलेगा।
जीएसकैश के दस्तावेज खंगाले
जेएनयू की एक अधिकारी ने कहा, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के सेंटर फार इंटरनेशनल पॉलिटिक्स, आर्गनाइजेशन एंड डिसआर्मामेंट में कार्यरत रहे प्रो. स्वर्ण सिंह पर लगे आरोपों की जांच के दौरान यौन उत्पीड़न की पिछली शिकायत पर सुनवाई करने वाली संस्था जीएसकैश के दस्तावेज खंगाले गए थे। इनमें उन पर कई पुराने मामले भी मिले हैं। कार्यकारी परिषद की बुधवार को हुई बैठक में सात और प्रोफेसरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है।
इन पर हुई कार्रवाई
भ्रष्टाचार के मामले में शामिल पाए जाने पर पर्यावरण विज्ञान केंद्र के प्रो. एएल रामनाथन की सेवा समाप्त की गई है। मामला सीबीआइ को सौंपा गया है। भ्रष्टाचार के मामले में डा. राजीव सिजरिया को निलंबित किया गया है। भ्रष्टाचार एवं अनुशासनहीनता में शामिल दो गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सेवा खत्म की गई।
वहीं, छेड़छाड़ मामले में संस्कृत अध्ययन केंद्र के प्रो. संतोष शुक्ला, भौतिक विज्ञान स्कूल प्रो. राम सागर मिश्रा के तीन इंक्रीमेंट रोकने की कार्रवाई की गई है। सीएचएस के डा. वेणु को अनुचित व्यवहार के लिए फटकार लगाई गई।