संस्कृति मंत्रालय की मदद से इस हवेली का जीर्णोद्वार
1929 में वासुदेव कैप्टन चौक स्वामी श्रद्धानंद मार्ग पर बनी इस हवेली में 2003 से वर्षों पहले तक एक डिस्पेंसरी चलती थी। हवेली की हालत खस्ता हो रही थी। साथ कबाड़ इधर-उधर अटा पड़ा था। इसके बाद विजय गोयल के सांसद फंड के साथ ही केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की मदद से इस हवेली का जीर्णोद्वार किया गया है।
विदेशी पर्यटक पूरी पुरानी दिल्ली चांदनी चौक की झलक देख पाएंगे
गोयल ने कहा इस संग्रहालय में में पर्यटक विशेष रूप से विदेशी पर्यटक पूरी पुरानी दिल्ली चांदनी चौक की झलक देख पाएंगे जिसमें लाल किला, जामा मस्जिद, टाउन हाल, हवेलियां और विभिन्न धर्मों के प्रसिद्ध मंदिरों के साथ-साथ चांदनी चैक के बाजारों, खान-पान, रहन-सहन के बारे में जानकारी हासिल कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि किराना बाजार, ड्राई फ्रूट, हैंडीक्राफ्ट, मीना बाजार की भी पूरी झलक संग्रहालय में होगी।
पुरातन संस्कृति और धरोहर के बारे में भी मूर्तियां लगाई जाएंगी
पुरातन संस्कृति और धरोहर के बारे में भी चित्र व मूर्तियां लगाई जाएंगी। यहां म्यूजियम के साथ एक व्याख्या केंद्र भी होगा। इतना ही नहीं दिल्ली की प्रसिद्ध वस्तुओं की बिक्री का सोविनियर शाप भी रहेगी। देस-विदेश के पर्यटक यहां से पूरे चांदनी चौक के बारे में जानकारी प्राप्त कर अलग-अलग स्थानों को देखने के लिए जाएंगे। यहां पर गाइड और खान-पान की व्यवस्था भी होगी।
गोयल ने बताया कि अगले छह माह में इस म्यूजियम को सजाने के लिए दूर-दूर से कारीगर व सामान लाया जाएगा। जो चांदनी चौक में उपलब्ध नहीं होगा। कोशिश यह होगी कि पुराने हैरिटेज सामान को ही यहां पर प्रदर्षित किया जाए।