वक्फ संशोधन कानून-2025 की वैधानिकता को चुनौती
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून की वैधानिकता को चुनौती देने वालों में ये हैं शामिल
इन राज्यों ने वक्फ कानून का किया समर्थन
जबकि सात राज्यों की सरकारों राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, असम, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप अर्जी दाखिल कर वक्फ संशोधन कानून का समर्थन किया है। इसके अलावा कुछ याचिकाएं ऐसी भी दाखिल हुई हैं जिनमें वक्फ के मूल कानून को रद करने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन ने कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और उत्तर प्रदेश की रहने वाली पारुल खेड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर वक्फ कानून 1995 को हिंदुओं और गैर मुस्लिमों के साथ भेदभाव वाला बताते हुए रद करने की मांग की है।
इन दोनों याचिकाओं में यह भी मांग की गई है कि कोर्ट घोषित करे कि वक्फ कानून के तहत जारी होने वाले आदेश, निर्देश या अधिसूचनाएं हिंदुओं और गैर मुस्लिमों की संपत्ति पर लागू नहीं होंगी।
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को खत्म करने की माग
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं में नए संशोधित कानून के प्रविधानों को रद करने की मांग की गई है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि वक्फ संशोधन कानून 2025 संविधान में मिले बराबरी के अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है। याचिकाओं में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने के प्रविधान का भी विरोध किया गया है।