ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी या किसानों की जमीन पर अवैध कॉलोनी और ऊंची-ऊंची आवासीय इमारतें बनाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। यहां बिना अनुमति के भूगर्भ जल का उपयोग हो रहा है। अन्य नियमों का पालन भी नहीं हो रहा है।
अवैध निर्माण को एनजीटी में दायर की थी याचिका
राजेंद्र त्यागी ने बताया कि प्रदूषण और भूगर्भ जल प्राधिकरण ने अपनी रिपोर्ट में नोटिस देने की बात कही है। एनजीटी ने सभी से आदेश के अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। मामले में अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित नहीं हुई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर हो रहे अवैध निर्माण को वहीं रोकने के आदेश भी दिए हैं।
नोएडा-ग्रेनो के अलग-अलग गांव में 2000 से अधिक परियोजनाओं में करीब 70 हजार फ्लैट 75 प्रतिशत बुकिंग के साथ तैयार हो चुके हैं। ऐसे में खरीदार और बुरी तरह से फंस सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बने फ्लैट पर प्राधिकरण और प्रशासन स्तर पर कार्रवाई नहीं होने पर खरीदार बुरी तरह फंस सकते हैं। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के साथ प्रकाशित खबर को भी एनजीटी में प्रस्तुत किया। इससे याचिका और मजबूती मिली।