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केरल में एक कंपनी पर खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों के साथ अपमानजनक व्यवहार करने का आरोप लगा है। सोशल मीडिया पर 12 सेकंड का वीडियो वायरल है। वीडियो में दिख रहा है कि एक कर्मचारी को घुटने और हाथ के बल चलने पर मजबूर किया जा रहा है। इसके बाद एक थाली पर रखे सिक्के को चाटने को कहा जाता है। सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद केरल सरकार एक्शन में आ आई है।
केरल की एक विपणन फर्म का वीडियो
जानकारी के मुताबिक कर्मचारियों से अपमानजनक व्यवहार केरल की एक विपणन फर्म ने किया है। स्थानीय टीवी चैनलों में वीडियो वायरल होने के बाद केरल क श्रम विभाग ने मामले की जांच का आदेश दिया है। श्रम मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने घटना की जांच करने और जिला श्रम अधिकारी को तत्काल रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा: श्रम मंत्री
श्रम मंत्री शिवनकुट्टी ने इन दृश्यों को चौंकाने और विचलित करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि केरल जैसे राज्य में इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। मंत्री ने आगे कहा कि मैंने घटना की जांच का आदेश दिया है। जिला श्रम अधिकारी को जांच के बाद घटना की रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
कर्मचारियों ने बताया- प्रबंधन ने दी ये सजा
वायरल वीडियो 12 सेकंड का है। इसमें एक व्यक्ति के गले पर पट्टा है। दूसरे व्यक्ति ने पट्टा पकड़ रखा है। इसके बाद कर्मचारी घुटने और हाथ के बल चलता है। कुछ ही दूर पर एक थाली में सिक्का रखा है। उसे चाटने को कहा जाता है। एक टीवी चैनल को कुछ कर्मचारियों ने बताया कि टारगेट हासिल नहीं कर पाने वाले कर्मचारियों को कंपनी के प्रबंधन ने यह सजा दी है।
पुलिस बोली- अभी तक नहीं मिली शिकायत
पुलिस के मुताबिक यह मामला कलूर में कार्यरत एक निजी विपणन फर्म से जुड़ा है। हालांकि घटना पेरुम्बवूर में हुई है। पुलिस ने आगे बताया कि अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। मकान मालिक ने आरोपों से इनकार किया है। फर्म के मालिक के हवाले से उन्होंने कहा कि कथित उत्पीड़न संभवतः पेरुम्बवूर स्थित फर्म में हुई है। यह फर्म कलूर स्थित प्रतिष्ठान के उत्पादों का विपणन और बिक्री करती थी। एक अधिकारी ने कहा कि अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
मानवाधिकार आयोग ने दर्ज किया मामला
उधर, राज्य मानवाधिकार आयोग ने हाई कोर्ट के वकील कुलाथूर जयसिंह की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है। इस बीच केरल राज्य युवा आयोग ने भी हस्तक्षेप किया और कथित उत्पीड़न की घटना में अपने स्तर पर मामला दर्ज किया। पैनल ने जिला पुलिस प्रमुख से इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। आयोग के अध्यक्ष एम. शजर ने कहा कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। सभ्य और लोकतांत्रिक समाज में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।